मुरादाबाद में थाने में नेताओं के दो गुटों ने जमकर क‍िया था हंगामा, एक भी आरोप‍ित को गिरफ्तार नहीं कर पाई पुलिस

थाना क्षेत्र में नेताओं के दो गुटों के बीच तीन जून को जमकर मारपीट हुई थी। इस मामले में दोनों पक्ष की ओर तीन अलग-अलग मुकदमे दर्ज कराए गए थे। इन मुकदमों में कुल 24 लोगों को आरोपित बनाया गया था।

By Narendra KumarEdited By: Publish:Mon, 21 Jun 2021 03:13 PM (IST) Updated:Mon, 21 Jun 2021 03:13 PM (IST)
मुरादाबाद में थाने में नेताओं के दो गुटों ने जमकर क‍िया था हंगामा, एक भी आरोप‍ित को गिरफ्तार नहीं कर पाई पुलिस
मूंढापांडे थाने में तीन जून को चार घंटे तक हुआ था हंगामा।

मुरादाबाद, जेएनएन। मूंढापांडे थाना क्षेत्र में नेताओं के दो गुटों के बीच तीन जून को जमकर मारपीट हुई थी। इस मामले में दोनों पक्ष की ओर तीन अलग-अलग मुकदमे दर्ज कराए गए थे। इन मुकदमों में कुल 24 लोगों को आरोपित बनाया गया था। मुकदमा दर्ज करने के बाद सात लोगों को गिरफ्तार करके पुलिस ने खानापूर्ति की कार्रवाई करते हुए शांति भंग में चालान कर दिया था। 17 दिन बीत जाने के बाद भी इस मामले में एक भी आरोपित को गिरफ्तार करने में पुलिस नाकाम रही है।

सत्ताधारी दल के नेताओं ने कानून व्यवस्था का मजाक उड़ाते हुए थाने के अंदर चार घंटे तक खुलेआम हंगामा किया था। लेकिन इस घटना के बाद भी पुलिस तीन मुकदमों में दर्ज आरोपितों को पकड़ने में नाकाम साबित हुई है। पुलिस ने घटना के दिन खानापूर्ति करने के लिए सात आरोपितों पर ऐसी कानूनी कार्रवाई की कि एक घंटे में ही उन्हें एसडीएम कोर्ट से जमानत मिल गई थी। वहीं पुलिस ने बाद में दावा किया था कि, चुनाव के समय पकड़े गए आरोपितों को पाबंद किया गया था। अब उनसे पांच-पांच लाख रुपये की वसूली की कार्रवाई की जाएगी। लेकिन पुलिस दावा करते समय यह भूल गई कि जिस नियम के तहत आरोपितों को पाबंद कर वसूली की बात कही जा रही है, वह केवल चुनाव आचार संहिता तक ही लागू होता है। सत्ता के दबाव में पुलिस लूट, मारपीट और छिनैती के दबाव में दर्ज की गई धाराओं के बाद जांच जारी रहने की बात कह रही है। इस मामले में जब मूंढापांडे थाना प्रभारी नवाब सिंह से बात की गई तो उन्होंने कहा कि तीनों ही मुकदमों में जांच की जा रही है। जांच में जो तथ्य सामने आएंगे उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी। जबकि घटना के दिन वायरल हुए थाने के वीडियो इस बात की स्पष्ट गवाही दे रहे थे, कि उस दिन कैसे पुलिस की व्यवस्था का मजाक उड़ाया गया था।

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