मुरादाबाद में पांच माह से लापता कार को जीपीएस से पकड़ा, हंगामा, पुलिस ने शुरू की मामले की जांच

सरकारी कार्यालय में कार लगवाने के नाम पर एक युवक से ठगी का मामला सामने आया है। लगभग पांच माह तक लापता कार को पीड़ित ने जीपीएस सिस्टम से पता करके पकड़ लिया। पकड़े गए लोगों ने बताया कि उनके पास तीन लाख रुपये में कार गिरवी रखी है।

By Narendra KumarEdited By: Publish:Mon, 14 Jun 2021 04:55 PM (IST) Updated:Mon, 14 Jun 2021 04:55 PM (IST)
मुरादाबाद में पांच माह से लापता कार को जीपीएस से पकड़ा, हंगामा, पुलिस ने शुरू की मामले की जांच
सरकारी कार्यालय में कार लगवाने के लिए नाम पर हुई ठगी।

मुरादाबाद, जेएनएन। सरकारी कार्यालय में कार लगवाने के नाम पर एक युवक से ठगी का मामला सामने आया है। लगभग पांच माह तक लापता कार को पीड़ित ने जीपीएस सिस्टम से पता करके पकड़ लिया। पकड़े गए लोगों ने जब बताया कि उन्होंने तीन लाख रुपये में कार गिरवी रखी है, तो कार मालिक के होश उड़ गए। पाकबड़ा पुलिस ने थाने में कार खड़ी करने के साथ ही इस मामले की जांच शुरू कर दी है।

पाकबड़ा निवासी नौशाद अली ने बताया कि लगभग डेढ़ साल पहले निकाह हुआ था। दहेज में उन्हें ब्रीजा कार मिली थी। करीब पांच माह पहले सिविल लाइंस कोतवाली क्षेत्र के हिमगिरि कालोनी निवासी एक युवक से उनकी मुलाकात हुई थी। इस दौरान युवक ने उन्हें सरकारी कार्यालय में किराए पर गाड़ी लगवाने की बात कही। उन्हें अच्छे पैसे का लालच दिया गया, इसके बाद उन्होंने पांच माह पहले युवक को कार दे दी थी। जब कुछ दिनों बाद कार के संबंध में जानकारी करने के लिए युवक को फोन किया, तो उसका नंबर बंद आने लगा। इसके बाद पीड़ित ने कार में लगे जीपीएस सिस्टम के आधार पर कार की लोकेशन चेक की तो वह नैनीताल में मिली। वह अपने कुछ दोस्तों के साथ कार की तलाश में निकल पड़ा। कार की लोकेशन मुरादाबाद के रामपुर दोराहे के पास मिलने पर कार को घेराबंदी करके रोक लिया गया। कार सवार लोगों ने बाबूगढ़ निवासी अपने किसी रिश्तेदार की कार बताई। दोनों पक्षों में कार को लेकर हंगामा होने लगा। हंगामे की सूचना रामपुर दोराहा चौकी इंचार्ज राशिद अली भी पहुंच गए। उन्होंने दोनों पक्षों से बातचीत करने के बाद कार सहित सभी को पाकबड़ा थाने भेज दिया। पुलिस ने इस मामले में जब बाबूगढ़ निवासी युवक से संपर्क किया तो उसने बताया कि हिमगिरि कॉलोनी निवासी युवक ने उसके पास कार को गिरवी रखी थी। लेकिन, पुलिस जब हिमगिरी के पते पर पहुंची तो नाम के साथ ही पता भी फर्जी निकला। पाकबड़ा थाना प्रभारी योगेंद्र कृष्ण यादव ने बताया मामले की जांच कर आगे की कार्रवाई की जाएगी। अभी तक की जांच में दोनों पक्षों को ठगने की बात सामने आई है।

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