मुरादाबाद में गर्भवती दर्द से तड़पती रही, नहीं कराया कोविड टेस्ट, महिला अस्पताल में हंगामा
सुबह आठ बजे तक कोरोना जांच के लिए नमूना नहीं लिया गया। शाम पांच बजे कोरोना की रिपोर्ट आ गई थी। रात 10 बजे तक यही स्थिति बनी रही। महिला को प्रसव पीड़ा शुरू हो गई तो स्टाफ ने कह दिया कि रात में सर्जरी होना मुश्किल है।
मुरादाबाद, जेएनएन। सरकारी अस्पतालों में अव्यवस्थाएं बढ़ने लगी हैं। ऐसा ही एक मामला उस वक्त सामने आया जब नवीन नगर के पार्षद ने महिला अस्पताल में हंगामा काट दिया। पार्षद के भांजे की पत्नी बगला गांव पुलिस चौकी के पीछे रहने वाली आरती को नौ माह का गर्भ है। उसे सुबह छह बजे आशा कार्यकर्ता द्वारा महिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। डयूटी पर चिकित्सक ने अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट देखने के बाद बच्चे का वजन साढ़े तीन किलो बताते हुए सीजर की सलाह दी। स्वजन राजी हो गए। स्टाफ द्वारा महिला को खाली पेट रखने के लिए कह दिया गया।
सुबह आठ बजे तक कोरोना जांच के लिए नमूना नहीं लिया गया। शाम पांच बजे कोरोना की रिपोर्ट आ गई थी। रात 10 बजे तक यही स्थिति बनी रही। महिला को प्रसव पीड़ा शुरू हो गई तो स्टाफ ने कह दिया कि रात में सर्जरी होना मुश्किल है। नार्मल डिलीवरी का प्रयास करते हैं। इस पर परिजनों ने हंगामा काट दिया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी से भी बात की गई। रात्रि ड्यूटी पर चिकित्सक ने महिला का परीक्षण किया।
पुरुष अस्पताल में तीमारदारों ने किया हंगामा
इलाज में लापरवाही पर हालात खराब होते नजर आ रहे हैं। बुधवार को पुरुष अस्पताल में एंटी रेबीज इंजेक्शन लगवाने को लेकर तीमारदारों ने हंगामा काट दिया। अस्पताल प्रबंधन ने थाने को सूचना देकर पुलिस को बुलवा लिया। लेकिन, हालात वही रहे। पुलिस ने समझाकर लोगों को शांत किया। मरीज के टिटनेस का इंजेक्शन लगवाकर शांत किया गया।