मुरादाबाद जिला अस्पताल में मानसिक दिव्यांग को नहीं मिला इलाज, छह घंटे तक रहा परेशान
मानवीय संवेदनाएं समाप्त होती नजर आ रही हैं। ऐसा ही एक नजारा शनिवार की शाम जिला अस्पताल की इमरजेंसी में देखने को मिला। छजलैट से 108 एंबुलेंस द्वारा लाए मरीज को लेकर डॉक्टर और स्टाफ ने एंबुलेंस चालक को फटकार लगा दी।
मुरादाबाद, जेएनएन। मानवीय संवेदनाएं समाप्त होती नजर आ रही हैं। ऐसा ही एक नजारा शनिवार की शाम जिला अस्पताल की इमरजेंसी में देखने को मिला। छजलैट से 108 एंबुलेंस द्वारा लाए मरीज को लेकर डॉक्टर और स्टाफ ने एंबुलेंस चालक को फटकार लगा दी। इतना ही नहीं एक बार हायर सेंटर रेफर की स्लिप बनाकर फिर उसे भगा दिया गया।
छजलैट के गांव कुढ़ हमीरपुर के प्रधान ने फोन करके 108 एंबुलेंस को गांव में बुलवा लिया। करीब 41 वर्षीय मानसिक दिव्यांग को जिला अस्पताल भिजवाया गया। यहां इमरजेंसी मेडिकल आफिसर ने मानसिक दिव्यांग को भर्ती करने से मना कर दिया। इसके बाद पर्चा बनाकर एंबुलेंस चालक के हाथ में थमा दिया। इस वजह से अगवानपुर, पाकबड़ा, कटघर की एंबुलेंस भी मंगवा ली गई। चालक के कई बार कहने के बाद चिकित्सक ने बात नहीं मानी। रात तक इमरजेंसी में हंगामे जैसे हालात बने रहे। बरेली मेंटल अस्पताल में दोपहर दो बजे तक ही मरीज को भर्ती किया जाता है। एंबुलेंस जिला कोआर्डिनेटर अमित कुमार ने बताया कि हमारा काम मरीज को अस्पताल लाने का है। इसके बाद भी चिकित्सक मनमानी कर रहे हैं। मरीज को भर्ती करने के बजाय हम लोगों को खूब बातें सुनाई जा रही हैं। इस वजह से छह घंटे तक तीन क्षेत्रों की एंबुलेंस जिला अस्पताल में फंसी रहीं। इस दौरान हाइवे पर हादसा हो जाए तो उसका जिम्मेदार कौन होगा।
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