मन की शांति चाहिए तो करें ये आसन, ये समस्याएं होंगी दूर

प्राणायाम करने से शरीर में ऊर्जा वहन करने वाले मुख्य स्त्राेतका शुद्धिकरण होता है। इस अभ्यास के करने से पूरे शरीर का पोषण होता है। मन में निश्चिलता और शांति के साथ एकाग्रता बढ़ाने में सहायक होती है। तनाव और चिंता के स्तर को कम करता है।

By Samanvay PandeyEdited By: Publish:Mon, 07 Dec 2020 06:18 AM (IST) Updated:Mon, 07 Dec 2020 06:18 AM (IST)
मन की शांति चाहिए तो करें ये आसन, ये समस्याएं होंगी दूर
ये कफ विकार को भी दूर करता है।

मुरादाबाद, जेएनएन। नियमित योग से काया निरोग बनेगी। इसके लिए आपको प्रतिदिन अपने लिए समय निकालना होगा। योग प्रशिक्षक अमित गर्ग ने बताया कि प्राणायाम करने से शरीर में ऊर्जा वहन करने वाले मुख्य स्त्राेतका शुद्धिकरण होता है। इस अभ्यास के करने से पूरे शरीर का पोषण होता है। मन में निश्चिलता और शांति के साथ एकाग्रता बढ़ाने में सहायक होती है। जीवन शक्ति बढ़ने के साथ ही तनाव और चिंता के स्तर को कम करता है। ये कफ विकार को भी दूर करता है। इसके लिए कोई ध्यानात्मक आसन में बैठ जाएं। मेरुदंड की अस्थि एवं सिर को सीधा रखें और आंखें बंद कर लें। कुछ गहरी श्वासों के साथ शरीर को शिथिल कर लें। ज्ञान मुद्रा में बाईं हथेली बाएं घुटने के ऊपर रखनी चाहिए। दायां हाथ नासाग्र मुद्रा में होना चाहिए। अनामिका एवं कनिष्ठिका अंगुली बाईं नासिका पर रखनी चाहिए। मध्यमा और तर्जनी अंगुली को मोड़कर रखें। दाएं हाथ का अंगूठा दाईं नासिका पर रखना चाहिए। बाईं नासिका से श्वास ग्रहण करें। इसके बाद कनिष्ठिका और अनामिका अंगुलियों से बाईं नासिका बंद कर लें। दाईं नासिका से अंगूठा हटाकर वहां से दाई नासिका श्वास बाहर छोड़ें। तत्पश्चात एक बार दाईं नासिका से श्वास ग्रहण करना चाहिए। श्वासोच्छवास के अंत दाईं नासिका को बंद करें। बाईं नासिका खोलें और इसके द्वारा श्वास छोड़ दें। यह पूरी प्रक्रिया नाड़ी शोधन या अनुलोम विलोम प्राणायाम का एक चक्र है। ये पूरी प्रक्रिया पांच बार दोहराई जानी चाहिए।

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