कंटेनर की उपलब्धता हो भरपूर तो निर्यात पकड़े रफ्तार
मुरादाबाद जासं हस्तशिल्प निर्यात को बढ़ावा देने के लिए कंटेनर की उपलब्धता सुनिश्चित करने क
जेएनएन, मुरादाबाद : हस्तशिल्प निर्यात को बढ़ावा देने के लिए कंटेनर की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए बुधवार को आनलाइन बैठक का आयोजन किया गया। इसमें ईपीसीसीएच के पदाधिकारियों के साथ सीओए सदस्य व निर्यातकों के संगठनों के पदाधिकारी मौजूद रहे। इसमें कंटेनर की कमी की दिक्कत और उसके समाधान पर चर्चा की गई। राकेश कुमार, महानिदेशक, हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद (ईपीसीएच) ने कहा कि निर्यात उद्योग तभी सभी सुचारु रह सकता है जब कंटेनर की की उपलब्धता बेहतर रहेगी। ईपीसीएच के अध्यक्ष रवि के. पासी ने बताया कि कंटेनरों की अनुपलब्धता की समस्या को भारत सरकार के विशेष सचिव (रसद) की अध्यक्षता में वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय की उच्च स्तरीय बैठक में उठाया गया है। बैठक में मुरादाबाद हैंडीक्राफ्ट्स एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के महासचिव अवधेश अग्रवाल, आरके वर्मा, कार्यकारी निदेशक ईपीसीएच, शरद बंसल, सीओए सदस्य के अलावा एफ़आइईओ, फ़क्किी, एपीईडीए, सीआइआइ और सीएसएलए के प्रतिनिधियों ने भी बैठक में भाग लिया। बताया गया कि मालवाहक शिपमेंट होने के कारण हस्तशिल्प सबसे बुरी तरह प्रभावित क्षेत्रों में से एक है। शिपिग कंपनियों द्वारा किराया बढ़ाए जाने हस्तशिल्प के निर्यात में गिरावट आयी है। भारत से हस्तशिल्प निर्यात को बढ़ावा देने के लिए बंदरगाह शुल्क में एकरूपता का सुझाव दिया गया। अंतरदेशीय ढुलाई शुल्क, टर्मिनल हैंडलिग चार्ज, निर्यातकों द्वारा अतिरिक्त लागत, विभिन्न बंदरगाहों पर लदान में देरी जैसे मुद्दे पर भी चर्चा हुई। संसद के अधिनियम के माध्यम से एक नियामक प्राधिकरण की स्थापना पर सभी ने सहमति जताई।