मुरादाबाद में मिक्सोपैथी के खिलाफ एलोपैथ चिकित्सकों की भूख हड़ताल
मुरादाबाद, जेएनएन : कोरोनाकाल में सरकार के सामने पूरी स्थिति साफ हो चुकी है। महामारी में अपना परिवार
मुरादाबाद, जेएनएन : कोरोनाकाल में सरकार के सामने पूरी स्थिति साफ हो चुकी है। महामारी में अपना परिवार छोड़कर एलोपैथ चिकित्सकों ने काम किया। कोरोना वायरस को मात देने के लिए वैक्सीन भी गुणवत्ता पूर्वक शिक्षा हासिल करने वालों ने ही बनाई है। इसके बाद भी सरकार मिक्सोपैथी को बढ़ावा देने में लगी है। शुक्रवार को आइएमए की भूख हड़ताल में डॉक्टरों ने यही बात कही। कहा कि सरकार के इस कदम से मरीज को गुणवत्ता वाली चिकित्सीय सुविधाएं नहीं मिल पाएंगी।
शुक्रवार की सुबह नौ बजे से दोपहर 12 बजे तक, दोपहर 12 बजे से तीन बजे तक, तीन बजे से शाम छह बजे तक और शाम छह बजे से रात नौ बजे तक डॉक्टरों की टीमों ने जिला मुख्यालय पर मिक्सोपैथी विरोध में क्रमिक अनशन किया। सुबह से शाम तक भूख हड़ताल कर संदेश दिया गया कि मिक्सोपैथी से डॉक्टरों का कम मरीजों का अधिक नुकसान है। भारत सरकार के नवंबर 2020 के नोटिफिकेशन का आइएमए पूरी तरह विरोध करता है। आइएमए अध्यक्ष डॉ. भगतराम राणा ने बताया कि कोई पद्धति बुरी नहीं है। सभी की अपनी क्वालिटी है। सरकार आयुष पद्धति को एलोपैथ में मिक्स कर रही है। इससे मरीज को ही नुकसान होगा। एलोपैथ से जो भी पद्धति जुड़ेगी उसका पतन हो जाएगा। शल्य चिकित्सा एलोपैथ के अलावा दूसरी पद्धति में नहीं है। इसकी इजाजत भी नहीं देनी चाहिए। सरकार इस पर कोई निर्णय नहीं लेती है तो आइएमए व्यापक स्तर पर आंदोलन कर सकता है। इसमें आइएमए सचिव डॉ. प्रीति गुप्ता, डॉ. विनीत गुप्ता, डॉ. राजेश सिंह, डॉ. विमिता अग्रवाल, डॉ. बबीता गुप्ता, डॉ. नीरज गुप्ता, डॉ. सुदीप कौर आदि चिकित्सक रहे।