यूपी के इस जिले में कोरोना की तीसरी लहर कैसे बचेंगे बच्चे, यहां एक भी नहीं है बाल रोग विशेषज्ञ

चन्दौसी में कोरोना की दूसरी लहर के बीच विशेषज्ञों ने तीसरी लहर आने की भी आशंका जताई है और इसे बच्चों के लिए नुकसानदायक माना जा रहा है। अभी दूसरी लहर में ही हांफ चुका स्वास्थ्य विभाग कितना तैयार है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है

By Ravi MishraEdited By: Publish:Tue, 18 May 2021 09:13 PM (IST) Updated:Tue, 18 May 2021 09:13 PM (IST)
यूपी के इस जिले में कोरोना की तीसरी लहर कैसे बचेंगे बच्चे, यहां एक भी नहीं है बाल रोग विशेषज्ञ
यूपी के इस जिले में कोरोना की तीसरी लहर कैसे बचेंगे बच्चे, यहां एक भी नहीं है बाल रोग विशेषज्ञ

मुरादाबाद, जेएनएन। चन्दौसी में कोरोना की दूसरी लहर के बीच विशेषज्ञों ने तीसरी लहर आने की भी आशंका जताई है और इसे बच्चों के लिए नुकसानदायक माना जा रहा है। अभी दूसरी लहर में ही हांफ चुका स्वास्थ्य विभाग कितना तैयार है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि प्रदेश भर में तो बाल रोग चिकित्सकों की भारी कमी है, लेकिन सम्भल जिले में तो एक भी चाइल्ड डॉक्टर नहीं है। सरकारी अस्पतालों में बाल रोग विशेषज्ञ और सुविधाओं की किल्लत भविष्य की चुनौतियों को लेकर डरा रही है। बच्चों के उपचार और उनके मनोविज्ञान को समझने के लिए बाल रोग चिकित्सक भी काफी अहमियत रखते हैं।

अभी तक कोरोना की दूसरी लहर पर स्वास्थ्य विभाग काबू करने में सफल नहीं हो पा रहा है। पिछले कुछ दिनों में कोरोना संक्रमितों की संख्या में कमी तो आई है, लेकिन अब भी प्रत्येक दिन निकल रहे कोरोना संक्रमित सभी को परेशान कर रहे हैं। उधर विशेषज्ञों ने कोरोना की तीसरी लहर की चेतावनी पहले से ही चेतावनी दी थी, लेकिन दूसरी लहर को काबू करने में लगा स्वास्थ्य विभाग तीसरे लहर को रोकने के बारे में अभी तक कोई योजना नहीं बना पाया है।

सम्भल जिले के लिए सबसे डराने बात जो सामने निकलकर आई है वह यह है कि तीसरे लहर में बच्चे संक्रमित हो सकते है। अगर दूसरी लहर की तरह कोरोना की तीसरी लहर भी अपना कहर बरपाती है तो सम्भल में उसे काबू करने के लिए एक भी बाल रोग विशेषज्ञ नहीं है। जिले में सरकारी अस्पतालों में 43 एमबीबीएस चिकित्सक है। इसमें दो सर्जन, 10 डेंटल है, लेकिन चाइल्ड डॉक्टर एक भी नहीं है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि वह तीसरे लहर को रोकने के लिए अभी से तैयारी कर रहा है।

बच्चों का रखे विशेष ध्यान

चन्दौसी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉ. हरवेंद्र सिंह ने बताया कि बच्चों को हेल्दी खाना खिलाएं जिसमें फल-सब्जियां, फ्रूट जूस और अंडे शामिल हों। जिन बच्चों की खानपान की आदतें अच्छी होती हैं, उन्हें बीमारियां और कोरोना वायरस भी ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचा पाता है। वहीं कमजोर और कुपोषण के शिकार बच्चों के लिए कोविड-19 खतरनाक साबित हो सकता है। इसलिए अपने बच्चें को हेल्दी खाना खिलाएं और उसकी बॉडी को दुरुस्त करें ताकि इससे उसकी इम्यूनिटी मजबूत हो सके।

कोरोना की तीसरी लहर को रोकने लिए स्वास्थ्य विभाग अभी से तैयारी कर रहा है। हमारे जिले में कोई भी चाइल्ड डॉक्टर नहीं है, लेकिन तीसरी लहर को देखते हुए शासन से चाइल्ड डॉक्टर की मांग की गई है। डॉ. मनोज चौधरी, नोडल अधिकारी कोविड

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