यहां तो सड़क किनारे चारपाई पर मेडिकल स्टोर संचालक कर रहे इलाज, जानें कहां का है मामला

Medical Store Operators Treated Patient in Moradabad मुरादाबाद जनपद के शहर और देहात क्षेत्र में उल्टी-दस्त और बुखार के मरीजों की भरमार है। झोलाछाप की दुकानें फुल होने के बाद अब मेडिकल स्टोर संचालक भी रुपये बनाने में जुटे हैं।

By Samanvay PandeyEdited By: Publish:Mon, 20 Sep 2021 04:40 PM (IST) Updated:Mon, 20 Sep 2021 04:40 PM (IST)
यहां तो सड़क किनारे चारपाई पर मेडिकल स्टोर संचालक कर रहे इलाज, जानें कहां का है मामला
जिंदगी से खिलवाड़ करने वाले झोलाछाप अधिकारियों को क्यों नजर नहीं आ रहे।

मुरादाबाद, (मेहंदी अशरफी)। Medical Store Operators Treated Patient in Moradabad : मुरादाबाद जनपद के शहर और देहात क्षेत्र में उल्टी-दस्त और बुखार के मरीजों की भरमार है। झोलाछाप की दुकानें फुल होने के बाद अब मेडिकल स्टोर संचालक भी रुपये बनाने में जुटे हैं। मरीजों को ड्रिप लगाकर सड़क पर ही इलाज दिया जा रहा है। जी हां, ये तस्वीर सम्भल रोड के गांव नगलिया मशकुला की है।

दुकान के बाहर टीनशेड के नीचे चारपाई पर महिला मरीज भर्ती है। उसके ड्रिप लगाकर शरीर में पानी की पूर्ति की जा रही है। लेकिन, स्वास्थ्य विभाग को ऐसे लोग न तो नजर आते हैं और न ही ऐसा करने वालों पर कार्रवाई होती है।उच्चाधिकारियों के निर्देशों का पालन करने के लिए अगर टीम मौके पर पहुंचती भी है तो वहां कोई मरीज नहीं होता। ऐसेे में नोडल अधिकारी एक सेल्फी खींचकर पाजीटिव रिपोर्ट बनाकर आगे बढ़ा देते हैं। जिसके बाद बड़े साहब को संतुष्टी हो जाती है कि हां सबकुछ ठीक है।

जिले में झोलाछाप नहीं हैं। लेेकिन, आलम ये है कि नोडल अधिकारी द्वारा उन्हें पंजीयन का रास्ता दिखाया जा रहा है। जिससे वो मरीजों की जिंदगी को खतरे में डाल सकें। मुरादाबाद के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. एमसी गर्ग ने बताया कि मेडिकल स्टोर संचालक हो या झोलाछाप मरीज का इलाज करने की अनुमति नहीं है। ऐसे लाेगों के खिलाफ कार्रवाई कराई जाएगी। मरीज की जिंदगी से खिलवाड़ नहीं होने दिया जाएगा। 

मुरादाबाद में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही से झोलाछापों को मिल रहा बढ़ावा : स्वास्थ्य विभाग के संरक्षण में झोलाछाप खूब पनप रहे हैं। जिले के 584 गांव में दो से तीन झोलाछाप की दुकानें खुली हुई हैं। बुखार और अन्य बीमारियों से पीड़ित मरीज से खूब वसूली होती है। इसके बाद बड़े अस्पताल रेफर कर दिया जा रहा है। हालात ये हैं कि हर दिन किसी न किसी मरीज की जिंदगी खतरे में पड़ रही है।

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