सांसद आजम खां की जौहर यूनिवर्सिटी का गेट तोड़ने के मामले में आज फिर होगी सुनवाई

सांसद आजम खां की जौहर यूनिवर्सिटी का मुख्य गेट तोड़ने और सवा तीन करोड़ रुपये जुर्माना वसूलने के मामले में सोमवार को सुनवाई हुई। लेकिन सुनवाई पूरी नहीं हो सकी। अब मंगलवार को फिर इस पर सुनवाई होगी।

By Narendra KumarEdited By: Publish:Tue, 20 Jul 2021 01:50 PM (IST) Updated:Tue, 20 Jul 2021 01:50 PM (IST)
सांसद आजम खां की जौहर यूनिवर्सिटी का गेट तोड़ने के मामले में आज फिर होगी सुनवाई
अब मंगलवार को फिर इस पर सुनवाई होगी।

मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। सांसद आजम खां की जौहर यूनिवर्सिटी का मुख्य गेट तोड़ने और सवा तीन करोड़ रुपये जुर्माना वसूलने के मामले में सोमवार को सुनवाई हुई। लेकिन, सुनवाई पूरी नहीं हो सकी। अब मंगलवार को फिर इस पर सुनवाई होगी।

उप जिलाधिकारी सदर ने साल 2019 में जौहर यूनिवर्सिटी के मुख्य गेट को अवैध मानते हुए तोड़ने के आदेश जारी किए थे। इस मामले में सांसद आजम खां हाईकोर्ट चले गए थे। हालांकि हाईकोर्ट ने सांसद की याचिका को खारिज करते हुए सेशन कोर्ट जाने की छूट दे दी थी। तब से यह मामला जिला जज की अदालत में विचाराधीन है। मामला फाइनल बहस की ओर है। दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की बहस चल रही है। सहायक शासकीय अधिवक्ता सिविल राजीव अग्रवाल ने बताया कि अदालत का समय पूरा होने के चलते बहस किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी। मंगलवार को भी बहस होगी।

भाक‍ियू ने दी आंदोलन की चेतावनी : रामपुर में भाकियू का प्रतिनिधिमंडल अपने तयशुदा कार्यक्रम के तहत राधा रोड स्थित डीएफओ कार्यालय में ज्ञापन सौंपने गया। इस दौरान डीएफओ के कार्यालय में न मिलने पर नाराजगी जताई। इसके बाद वन अधिकारी को ज्ञापन सौंपा। समस्याओं का समाधान न होने पर धरने की चेतावनी दी।प्रदेश सचिव कामरान शाह खान ने कहा कि अगर अधिकारी, कर्मचारी जंगल एवं सरकारी जमीन को खुर्दबुर्द करने का काम करेंगे तो उन्हें किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। कहा कि कई बार धरना-प्रदर्शन के माध्यम से जिला वन अधिकारी को साक्ष्यों के साथ जंगल में अवैध कटान, अवैध शराब की गतिविधियां, प्रतिबंधित पशुओं का शिकार, जंगल की जमीन पर अवैध कब्जों की गतिविधियों के बारे में लिखित में दिया था। पांच जुलाई को वन अधिकारी ने आश्वासन दिया था कि तीन दिन के अंदर जमीन मुक्त करा दी जाएगी। अवैध काम कोई नहीं होगा। लेकिन, अभी भी अवैध काम किए जा रहे हैं। इस संबंध में उन्होंने वन अधिकारी के माध्यम से बरेली मुख्य संरक्षण अधिकारी एवं संरक्षण अधिकारी मुरादाबाद को ज्ञापन भेजा। चेतावनी दी अगर 25 जुलाई तक सभी बिंदुओं पर कार्रवाई न हुई तो 26 जुलाई को रामपुर जिला वन अधिकारी कार्यालय पर बेमियादी धरना शुरू किया जाएगा। इसके साथ ही बरेली में मुख्य वन संरक्षण अधिकारी कार्यालय, कंजरवेटर मुरादाबाद के कार्यालय पर भी धरना शुरू किया जाएगा। भ्रष्टाचार एवं मनमानी के खिलाफ आर-पार की लड़ाई लड़ी जाएगी। इस पर भी अगर सुनवाई नहीं हुई तो लखनऊ में वन विभाग के मुख्य कार्यालय पर धरना दिया जाएगा। इस मौके पर जिला संयोजक हारून खान, मंडल प्रवक्ता महबूब अली मौजूद रहे।

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