ड्राइविंग लाइसेंस के लिए करना है आवेदन तो रातभर जागना होगा

ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना है तो आपको काफी मशक्‍कत करनी पड़ सकती है। दरअसल कुछ ही मिनट में परिवहन विभाग का सिस्टम बंद हो जाता है। ऐसे में आपको कई रातों की नींद खराब करनी पड़ सकती है।

By Narendra KumarEdited By: Publish:Sun, 20 Sep 2020 12:02 PM (IST) Updated:Sun, 20 Sep 2020 12:02 PM (IST)
ड्राइविंग लाइसेंस के लिए करना है आवेदन तो रातभर जागना होगा
ड्राइविंग लाइसेंस के लिए करना है आवेदन तो रातभर जागना होगा

मुरादाबाद (प्रदीप चौरसिया)। अगर ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना है तो रात भर जागना पड़ेगा, अन्यथा परिवहन विभाग का सर्वर बंद हो जाएगा। आवेदन करने के 91 दिन बाद बायोमेट्रिक कराने की तारीख मिलेगी। परेशानी से बचने के लिए लोगों ने दलालों के के पास पहुंचना शुरू कर दिया है।

पिछले दो साल से ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए आनलाइन आवेदन करने के साथ ही शुल्क भी जमा करना पड़ता है। इसके बाद सिस्टम बायोमेेट्रिक कराने के लिए तारीख देता था। निर्धारित तारीख पर जाकर आवेदन करने वालों को बायोमेट्रिक और आनलाइन परीक्षा देनी पड़ती है। इसके बाद ड्राइविंग लाइसेंस बनकर डाक द्वारा घर पर पहुंच जाता है।

कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए सरकार ने भीड़ कम करने, शारीरिक दूरी बनाए रखने के लिए कोडिव 19 नियम जारी किया है। इसके बाद परिवहन मुख्यालय ने ड्राइविंग लाइसेंस बनाने के नियम में बदलाव किया है। एक जिले में प्रत्येक दिन 120 व्यक्ति का ही ड्राइविंग लाइसेंस बनाया जाएगा। इसलिए प्रत्येक दिन 120 आनलाइन आवेदन स्वीकार किए जाते हैं। इतने ही संख्या में बायोमेट्रिक भी की जाती है। सामान्य दिनों में औसत प्रत्येक दिन में पांच सौ से अधिक आवेदन किए जाते थे। आवेदन को एक माह से कम समय में बायोमेट्रिक की तारीख मिल जाती थी। बायोमैट्रिक कराने में सरकार ने वीआइपी कोटा निर्धारित कर रखा था। इसके तहत अधिकारी किसी भी व्यक्ति का हाथों हाथ आवेदन कराकर बायोमैट्रिक करा सकता थे। अब सरकार ने इस व्यवस्था को भी बंद कर दिया है। परिवहन विभाग मुख्यालय रात एक बजे आवेदन के लिए सर्वर को खोलता है। 120 आवेदन होते ही सर्वर खुद ही बंद हो जाता है। आवेदन करने वालों की संख्या इतनी अधिक होती है कि कुछ मिनट में 120 आवेदन पूरा हो जाता है, आवेदन करने के लिए लोगों को कई रात जागना पड़ता है। जिसके आवेदन हो जाते हैंं, उसे बायोमैट्रिक कराने के लिए 91 दिन के बाद तारीख मिल पाती है। रात में जागने से बचने के लिए आवेदक दलालों के पास पहुंच जाते हैं। दलालों की टीम मुंह मांगी रकम लेकर आवेदन करने का काम करती है।

सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रशासन) छवि सिंह ने बताया कि कोविड के नियम के कारण प्रत्येक दिन 120 लोगों के ड्राइविंग लाइसेंस बनाने को आवेदन स्वीकार किए जाते हैं, इसके बाद सर्वर बंद हो जाता है। रात में एक बजे सर्वर खुलता है। सर्वर खुलते ही लोगों द्वारा आवेदन करना शुरू हो जाता है।

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