ऑक्सीजन के लिए कोरोना संक्रमितों ने छोड़ दिया घर, बागों में बनाया आशियाना, स्वास्थ्य में हो रहा सुधार
Hasanpur UP Unique Coronavirus Treatment Case मुरादाबाद मंडल के अमरोहा के एक गांव में ऑक्सीजन की कमी को दूर करने के लिए ग्रामीणों ने देशी तरीका ढूंढ निकाला। स्वच्छ ऑक्सीजन के लिए घर छोड़कर बागों में ही अपना आशियाना बना लिया।
मुरादाबाद [आसिफ अली]। मंडल के अमरोहा जिले के हसनपुर के गांव उधनपुर में कोरोना संक्रमित बागों में रहकर ठीक हो रहे हैं। ऑक्सीजन से परिपूर्ण हरेभरे स्वच्छ वातावरण में उनका ऑक्सीजन स्तर ठीक हुआ है। छह लोग पूरी तरह से ठीक हो चुके हैं। अन्य की सेहत में भी सुधार है।
जिला मुख्यालय से 31 किमी दूर हसनपुर तहसील क्षेत्र से उधनपुर गांव की दूरी चार किमी है। 1200 के आसपास आबादी वाला यह गांव चारों तरफ से बागों से घिरा है। गांव में हरियाली देखते ही बनती है। गांव में संक्रमण फैला तो लोग चिंतित हो गए। गांव के नरेश कुमार को स्वजन मेरठ तक ले गए थे, परंतु उन्हेंं बचाया नहीं जा सका। चिंतित संक्रमितों ने चिकित्सक की सलाह पर दवाइयां लीं। प्राकृतिक ऑक्सीजन के लिए 20 ग्रामीणों ने घर छोड़ दिया और बागों को अपना घरौंदा बना लिया। इस दौरान ऑक्सीजन स्तर ठीक होने लगा। उनमें से छह लोग पूरी तरह से ठीक होकर निगेटिव हो चुके हैं। आलम यह है कि दिन के समय गांव के अधिकांश लोग समय निकालकर बागों में पहुंचते हैं। संक्रमितों के लिए पॉलीथिन से छप्परनुमा छत बनाई और चारपाई पर बिस्तर लगाया। गांव के लगभग 14 संक्रमित अभी भी बागों में ही आशियाना बनाए हुए हैं। सांस लेने की अधिकांश की दिक्कत ठीक हो गई है। कोरोना को मात देने वाले गांव निवासी अमर सिंह चौहान बताते हैं कि प्राकृतिक रूप से मिलने वाली ऑक्सीजन ने हमें कोई दिक्कत नहीं होने दी। राजीव कुमार बताते हैं कि समय से दवाई ली तथा काढ़ा आदि का सेवन किया। शुद्ध वातावरण मिला तो कोरोना को मात दी। ग्राम प्रधान पति विक्रम चौहान बताते हैं कि बागों से मिलने वाली ऑक्सीजन कोरोना को हराने में मददगार बन रही है।
सूर्यास्त के बाद खेतों में डालते हैं चारपाई
दिनभर बाग में रहने वाले कोरोना संक्रमित सूर्यास्त के बाद अपनी चारपाई बागों के बाहर खेत में खुले आसमान के नीचे डालते हैं। मच्छरदानी लगाकर सोते हैं, दिन निकलते ही फिर से बागों में पहुंच जाते हैं। विज्ञान क्लब के कोआर्डिनेटर डा. शाने हैदर ने बताया कि उन्हेंं कार्बनडाई आक्साइड व कार्बन मोनो आक्साइड न के बराबर मिली बल्कि पेड़ों की वजह से शुद्ध हवा मिल रही है। दिन में सूरज की किरणों के प्रकाश संश्लेषण की वजह से ऑक्सीजन ज्यादा मिलती है। बाग या अन्य पेड़ों के पास से सूर्यास्त के बाद से दूर रहना चाहिए। शाम सात बजे से सुबह छह बजे तक पेड़ कार्बनडाई आक्साइड व कार्बन मोनोआक्साइड छोड़ते हैं।
इन दिनों गांव के अधिकांश लोग बागों में बिता रहे हैं। खेतीबाड़ी का काम निपटा कर दिनभर वहीं रहते हैं। जो लोग ठीक हैं। वे शाम को घर लौट आते हैं।
पिंकी चौहान, ग्राम प्रधान
प्राकृतिक रूप से ग्रामीण ऑक्सीजन ले रहे हैं तो यह अच्छी बात है। परंतु उन्हेंं इस बात की सावधानी बरतनी चाहिए कि परिवार व गांव के अन्य लोगों से दूरी बना कर रखें। समय से दवाई लेते रहना भी जरूरी है।
डॉ. सौभाग्य प्रकाश, मुख्य चिकित्सा अधिकारी