जिले के छह एडीओ पंचायत और 48 सचिवों को आरोप पत्र थमाए

पंचायत घोटाला -पूर्व डीपीआरओ के खिलाफ डीआरडीए के पीडी को सौंपी जांच -जवाब स

By JagranEdited By: Publish:Thu, 28 Oct 2021 08:17 PM (IST) Updated:Thu, 28 Oct 2021 08:18 PM (IST)
जिले के छह एडीओ पंचायत और 48 सचिवों को आरोप पत्र थमाए
जिले के छह एडीओ पंचायत और 48 सचिवों को आरोप पत्र थमाए

::::पंचायत घोटाला::::

-पूर्व डीपीआरओ के खिलाफ डीआरडीए के पीडी को सौंपी जांच

-जवाब संतोषजनक नहीं मिलने पर आरोपितों के खिलाफ होगी कार्रवाई

जागरण संवाददाता, मुरादाबाद: जिले की 55 ग्राम पंचायतों के करोड़ों रुपये ठिकाने लगाने वाले प्रशासकों के खिलाफ कार्रवाई तेज हो गई है। उप निदेशक पंचायत एसके सिंह ने जांच में दोषी पाए जाने वाले छह सहायक विकास अधिकारियों और 48 सचिवों को आरोप पत्र जारी किये हैं। इनका जवाब संतोषजनक नहीं मिलने पर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होगी। उधर, डीएम शैलेंद्र कुमार सिंह ने पूर्व जिला पंचायत राज अधिकारी राजेश कुमार सिंह के खिलाफ जांच डीआरडीए के परियोजना अधिकारी सतीश कुमार मिश्र को सौंपी है।

प्रशासकों के चार महीने के कार्यकाल में जिले में कुल 39 करोड़ 85 लाख 90 हजार 885 रुपये मनमाने तरीके से खर्च किए गए। इस दौरान प्रशासकों के हौसले इतने बुलंद थे कि उन्होंने कार्यकाल खत्म होने के बाद भी करीब एक करोड़ रुपये से अधिक के बिल पास कर दिए। जिला पंचायत राज अधिकारी आलोक प्रियदर्शी ने जब इस संबंध में जिला परियोजना प्रबंधक (डीपीएम) सलीम अहमद से स्पष्टीकरण मांगा तो उन्होंने बताया है कि पूर्व जिला पंचायत राज अधिकारी राजेश कुमार सिंह के मौखिक आदेश पर प्रशासकों के डोंगल कार्यकाल खत्म होने के बाद रजिस्टर्ड कराए गए। इसके बाद ही प्रशासकों ने ग्राम निधि के खातों से धनराशि निकाल ली। डीपीआरओ ने जांच के दौरान मिली खामियों को दर्शाकर कार्रवाई के लिए रिपोर्ट उप निदेशक पंचायत को सौंपी थी लेकिन, उप निदेशक पंचायत ने साक्ष्य के साथ भेजने को कहकर जांच रिपोर्ट को वापस कर दिया था। अब डीपीआरओ के साक्ष्य के साथ रिपोर्ट भेजने के बाद उप निदेशक पंचायत एसके सिंह ने जांच में दोषी पाए जाने वाले सचिवों और सहायक विकास अधिकारियों को आरोप पत्र जारी कर दिए हैं। आरोप पत्र में उनके जवाब मांगे गए हैं। जवाब संतोषजनक नहीं मिलने पर आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई होनी तय मानी जा रही है। इस मामले में पूर्व जिला पंचायत राज अधिकारी की भूमिका भी संदिग्ध है। वह खुद छजलैट ब्लाक के प्रशासक भी थे। उन्होंने वाटर कूलर के नाम पर ग्राम पंचायतों की लाखों रुपये की धनराशि एक ही फर्म के नाम कर दी है। दूसरा डीपीएम ने अपने जवाब में उन्हीं के मौखिक आदेश का जिक्र किया है। इसलिए डीएम ने पूर्व डीपीआरओ के खिलाफ जांच डीआरडीए के पीडी सतीश कुमार मिश्र को सौंप दी है। जांच के बाद ही उनके खिलाफ भी कार्रवाई की संस्तुति होगी।

इन फर्मों के नाम हुआ भुगतान

एसकेटीडी सर्विस प्राइवेट लिमिटेड, एएम इंटरप्राइजेज, ओम ट्रेडर्स, कार्तिक इंटरप्राइजेज, एएस इंटरप्राइजेज, एएस ट्रेडर्स। ब्लाक ग्राम पंचायतें भुगतान (25 दिसंबर 2020 से 31 मार्च 2021 तक) भुगतान (एक अप्रैल से 27 मई 2021 तक) कुल भुगतान

भगतपुर टांडा 73 24394152 2167114 26561266

बिलारी 98 37125702.66 17955847 55081549.66 छजलैट 82 41768338 17709083 59477421

डिलारी 85 50818570 21994900 72813470 कुंदरकी 99 46876075 44650543 91526618

मुरादाबाद 56 20366061 5426521 25792582 मूंढापांडे 76 35964595 9247255 45211850

ठाकुरद्वारा 74 19654046.25 2472083 22126129.25

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643 276967539.9 121623346 398590885.9

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