शासन और प्रशासन ने दस हजार भूखे परिवारों को मुहैया कराया खाना Rampur News
कोरोना वायरस के कहर के चलने गरीबों और मजदूरों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है। लोगों की परेशानी को दूर करने के लिए प्रशासन पूरी तरह से चौकन्ना है।
रामपुर,जेएनएन। लॉकडाउन के दौरान गरीब परिवारों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। कई परिवारों के सामने तो रोजी-रोटी की समस्या खड़ी हो गई है। संकट की इस घड़ी में शासन और प्रशासन गरीबों का हमदर्द बन गया है। जिले में पिछले दो सप्ताह में 10 हजार भूखे परिवारों को भोजन मुहैया कराया गया है।
जिलाधिकारी आन्जनेय कुमार ङ्क्षसह ने मंगलवार को मीडिया से वार्ता के दौरान कहा कि प्रशासन हर संभव कोशिश कर रहा है कि कोई भी परिवार एक भी टाइम भूखे न रहने पाए। लोगों की समस्याएं दूर कराने के लिए जिला मुख्यालय पर कंट्रोल रूम बनाया गया है। तहसीलों में ऐसी व्यवस्था की गई है। पिछले दो सप्ताह में कलेक्ट्रेट में बने कंट्रोल रूम में 12 हजार कॉल आई हैं, जिसमें 10 हजार कॉल भोजन को लेकर आईं। हमने सभी को भोजन मुहैया कराया। इस काम में सामाजिक संस्थाएं भी बढ़-चढ़कर सहयोग कर रही हैं। उन्होंने बताया कि कंट्रोल रूम में दिल्ली से भी एक कॉल आई, जिसमें रामपुर शहर में एक परिवार के भूखे होने की बात कही। तत्काल उस परिवार के पास भोजन भेजा गया। परिवार ने खुद क्यों कॉल नहीं की, इस बारे में जानकारी की तो पता लगा कि परिवार साधन संपन्न है, अच्छा मकान है और कार भी है। लेकिन, लॉकडाउन के चलते उसके पास भोजन की समस्या खड़ी हो गई। इसी तरह एक महिला ने फोन किया कि उसे सैनेटरी पेड की आवश्यकता है। दर्द भी हो रहा है इसलिए दवा भी चाहिए। इस पर तत्काल महिला को सैनेटरी पेड के साथ ही दवा मुहैया कराई गई। उन्होंने बताया कि जिले में राशन और सब्जी की कोई दिक्कत नहीं है। दवा की सप्लाई चेन भी बरकरार है। सब्जी तो ओर सस्ती हो गई हैं। दिल्ली की एक कंपनी से बात की गई है कि वह रामपुर से सब्जी ले जाए, ताकि किसानों अच्छे दाम मिल सकें। तीन चार दिन में व्यवस्था हो जाएगी। उ्र्होने कहा कि लोगों को लॉक डाउन का पालन करते हुए घरों के अंदर रहना चाहिए, साथ ही शारीरिक दूरी भी बनाए रखें। उन्होंने बताया कि लॉकडाउन आगे बढ़ाने के बारे में शासन ने भी राय ली है। हमने सुझाव दिया है कि आगे चलकर रामपुर से लॉकडाउन हटाया जा सकता है, लेकिन सीमाएं सील रहनी चाहिए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी मंगलवार शाम प्रदेशभर के पत्रकारों से वीडियो कांफ्रेंङ्क्षसग के जरिये समस्याएं और सुझाव जाने। उन्होंने यह भी कहा कि अगर कोई पत्रकार और भी सुझाव देना चाहे तो उन्हें लिखित में भेज सकते हैं।