Ganga water level : तिगरी में उफनाई गंगा, तटबंध छूने को बेताब, ग्रामीणों की बढ़ने लगी है टेंशन
सामान्य तौर पर मानसून में गंगा का जलस्तर गांव की आबादी वाले तटबंध के छोर तक नहीं पहुंच पाता है। उधर गंगा से सटे गांव दारानगर शीशोवाली जाटोवाली ढाकोवाली आदि गांवों के रास्तों व खेतों में उफनाई गंगा का पानी अभी भी भरा है।
मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। अमरोहा के गजरौला में हरिद्वार व बिजनौर बैराज से छोडे जाने वाले पानी के कारण उफनाई गंगा तिगरी में तटबंध छूने को बेताब नजर आ रही है। तेज बहाव के साथ जलस्तर अधिक होने के कारण गंगा खड़ंजे को जलमग्न कर तटबंध के नजदीक पहुंच गई है। हालांकि तटबंध के कारण ही पूरा गांव सुरक्षित है।
रविवार की रात तक गंगा की गेज 200.20 पर थी लेकिन सोमवार की सुबह से मंगलवार की रात आठ बजे तक यहां तिगरी में गंगा की गेज 200.15 पर रुकी है। हालांकि यहां खतरे के लाल निशान 202.420 पर है, लेकिन लगातार जलस्तर बढ़ने से ग्रामीण चिंतित हो रहे थे। चूंकि पुरोहितों की झोपडियाें व घाट की दुकानों में पानी भर गया था। उम्मीद जताई जा रही है कि बैराज से छोड़े जा रहे पानी की मात्रा नहीं बढ़ाई गई तो जलस्तर अगले 24 घंटे में कुछ कम हो जाएगा, लेकिन तिगरी में गंगा का रूख तटबंध की ठोकर से टकराकर जिस तरह घाटों के समीप बने खड़ंजे तक पहुंच गया है। उससे प्रतीत हो रहा है कि मानों इस बार उफनाई मां गंगे तटबंध छूने को बेताब हैं। बता दें कि यह तटबंध दशकों पूर्व गांव की हिफाजत को ही बना था। सामान्य तौर पर मानसून में गंगा का जलस्तर गांव की आबादी वाले तटबंध के छोर तक नहीं पहुंच पाता है। उधर गंगा से सटे गांव दारानगर, शीशोवाली, जाटोवाली, ढाकोवाली इत्यादि गांवों के रास्तों व खेतों में उफनाई गांव का पानी अभी भी भरा है। इस कारण ग्रामीणों को खेतों पर जाने व बाजार-हाट के लिए निकलने पर परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
तिगरी में गंगा की गेज 200.15
तिगरी में खतरे का लाल निशान- 202.420
हरिद्वार बैराज से छोड़ा गया पानी- 86811 क्यूसेक
बिजनौर बैराज से छोड़ा गया पानी- 73839 क्यूसेक
मानसून सीजन में भी घास-फूंस की नहीं कराई जा रही सफाई : तिगरी के पंडित गंगा सरन शर्मा, कमल कुमार, संतोष कुमार इत्यादि ने बताया कि हर साल तटबंध के आसपास की सफाई कराई जाती है ताकि मानसून के दौरान गंगा जलस्तर बढ़ने पर जायजा लेने को तटबंध पर पहुंचने वाले अधिकारियों व ग्रामीणों को दिक्कत नहीं आए लेकिन इस बार घास-फूंस साफ नहीं कराई गई है। बारिश पड़ने से यह और बढ़ गई है। इस कारण आने-जाने वालों का पैर फिसलने से हादसा होने की आशंका बनी है लेकिन बाढ़ नियंत्रण खंड विभाग के द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। एसडीओ अजय जैन ने बताया कि क्षेत्र के जेई से जानकारी की जाएगी।