गजरौला नगर पालिका मलासूर से बनाएगी जैविक खाद, मलासूर से फैलने वाली बीमारी का खतरा होगा खत्म

Gajraula Municipality Make Fertiliser from Malasoor औद्योगिक नगरी की नगर पालिका द्वारा अब मलासूर से फैलने वाली बीमारी के खतरे को खत्म करने के लिए कवायद शुरू की है। सेफ्टिक टैंकों से निकलने वाले मलासूर को अब नगर पालिका द्वारा उसका खाद बनाकर उसे आय का साधन बनाया जाएगा।

By Samanvay PandeyEdited By: Publish:Sun, 19 Sep 2021 05:21 PM (IST) Updated:Sun, 19 Sep 2021 05:21 PM (IST)
गजरौला नगर पालिका मलासूर से बनाएगी जैविक खाद, मलासूर से फैलने वाली बीमारी का खतरा होगा खत्म
लगाया जाएगा एफएसटीपी प्लांट, ट्रीटमेंट के बाद उपलब्ध होकर शुद्ध पानी, जमीन की तलाश

मुरादाबाद, (सौरव प्रजापति)। Gajraula Municipality Make Fertiliser from Malasoor : औद्योगिक नगरी की नगर पालिका द्वारा अब मलासूर से फैलने वाली बीमारी के खतरे को खत्म करने के लिए कवायद शुरू की है। घरों के सेफ्टिक टैंकों से निकलने वाले मलासूर को एकत्र कर अब नगर पालिका द्वारा उसका खाद बनाकर उसे आय का साधन बनाया जाएगा। इसके लिए पालिका एफएसटीपी (फिजल सलज ट्रीटमेंट प्लांट) लगाने की तैयारी कर रही है। इस प्लांट के जरिए मलासूर का खाद बनाकर उसकी बिक्री की जाएगी। अब तक क्या होता है कि लोग मलासूर के प्रति जागरूक नहीं हैं। इसलिए सालों-साल अपने घर के सेफ्टिक टैंकों की सफाई नहीं कराते हैं।

नतीजन वह न सिर्फ भूजल में समाने लगता है बल्कि टैंकों से बाहर निकलकर नालियों में भी निकास होने लगता है। जिससे संक्रामक रोगों के फैलने का भी खतरा बना रहता है। इसलिए स्थानीय नगर पालिका ने 15वां वित्त आयोग के तहत मलासूर को आय का साधन बनाने का कार्ययोजना तैयार की है। इस योजना को जिलाधिकारी द्वारा स्वीकृति भी प्रदान कर दी है। अब मलासूर से न सिर्फ खाद बनेगा बल्कि प्लांट लगाकर वहां से शुद्ध पानी निकालने की भी तैयारी है। इस प्लांट को लगाने के लिए पांच बीघा जमीन की तलाश भी शुरू हो गई है। उम्मीद है कि जमीन मिलते ही प्लांट का लगाकर कार्य शुरू हो जाएगा। 

चालीस लाख की कार्य योजना, लगेगा एफएसटीपी, डीएम ने दी स्वीकृति : घरों के सेफ्टिक ट्रैकों से निकलने वाले मलासूर से खाद व शुद्ध जल बनाने की कार्ययोजना 15वां वित्त आयोग के तहत 40 लाख रुपये की बनाई है। इस बजट के माध्यम से पालिका पांच बीघा जमीन पर एफएसटीपी (फिजल सलज ट्रीटमेंट प्लांट) लगाया जाएगा। इस प्लांट की 35 केएलडी क्षमता होगी। पालिका की इस कार्ययोजना को जिलाधिकारी बालकृष्ण त्रिपाठी ने भी स्वीकृति प्रदान कर दी है।

तीन साल में होनी चाहिए सेफ्टिक टैक की सफाई, पालिका चलाएगी अभियान : घरों में बने सेफ्टिक ट्रैक के प्रति लोगों में जागरूकता का अभाव है। नगर पालिका के ईओ विजेंद्र सिंह पाल बताते हैं कि वैज्ञानिकों के मुताबिक सेफ्टिक ट्रैक की सफाई हर तीन साल बाद होनी चाहिए। क्योंकि तीन वर्ष बाद मल असुर का रूप ले लेता है और संक्रमक रोग फैलाकर मानव के जीवन पर बुरा प्रभाव डालता है। इसलिए नगर पालिका शहर में घर-घर जागरूकता अभियान चलाकर शहर वासियों को इसके लिए जागरूक करने की तैयारी कर रही है।

क्या कहते हैं अधिकारीः अधिशासी अधिकारी विजेंद्र सिंह पाल ने बताया कि 15वां वित्त आयोग के तहत 40 लाख रुपये की कार्ययोजना बनाई गई है। इस योजना से ही एफएसटीपी (फिजल सलज ट्रीटमेंट प्लांट) लगाया जाएगा। उसके लिए पालिका पांच बीघा जमीन तलाशने में जुटी है। जल्द ही प्लांट लगाकर खाद व शुद्ध पानी बनाने का कार्य शुरू हो जाएगा। जिलाधिकारी द्वारा इस कार्य योजना को स्वीकृति दे दी गई है। इसके लिए जागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा।नगर पालिका अध्यक्ष अंशु नागपाल ने बताया कि नगर पालिका द्वारा नए-नए कदम उठाए जा रहे हैं। एफएसटीपी (फिजल सलज ट्रीटमेंट प्लांट) से न सिर्फ पालिका की आय बढ़ेगी बल्कि लोगों को शुद्ध पानी भी मुहैया कराया जाएगा। जमीन उपलबध होते ही प्लांट लगाकर कार्य शुरू हो जाएगा। इसकी कार्य योजना बनाई जा चुकी है।

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