रामपुर में पुलिस के साथ ही हो गई धोखाधड़ी, जिनको पशु पालने के लिए दिए वे हो गए फरार, यहां पढ़ें पूरी कहानी

Fraud with Police in Rampur लोग धोखाधड़ी का शिकार होने पर पुलिस के पास मदद मांगने जाते हैं लेकिन जब धोखाधड़ी का शिकार ही पुलिस बन जाए तो फिर कौन मदद करेगा। ऐसा ही हुआ रामपुर जनपद की गंज कोतवाली पुलिस के साथ।

By Samanvay PandeyEdited By: Publish:Mon, 18 Oct 2021 06:37 PM (IST) Updated:Mon, 18 Oct 2021 06:37 PM (IST)
रामपुर में पुलिस के साथ ही हो गई धोखाधड़ी, जिनको पशु पालने के लिए दिए वे हो गए फरार, यहां पढ़ें पूरी कहानी
धोखाधड़ी और अमानत में खयानत के आरोप में तीन के खिलाफ दर्ज की रिपोर्ट

मुरादाबाद, जेएनएन। Fraud with Police in Rampur : लोग धोखाधड़ी का शिकार होने पर पुलिस के पास मदद मांगने जाते हैं, लेकिन जब धोखाधड़ी का शिकार ही पुलिस बन जाए तो फिर कौन मदद करेगा। ऐसा ही हुआ रामपुर जनपद की गंज कोतवाली पुलिस के साथ। गंज पुलिस इन दिनों इसी परेशानी से जूझ रही है। पुलिस ने पशु क्रूरता अधिनियम के एक मुकदमे में पांच भैंस वंशीय पशु बरामद किए थे, जिन्हें अदालत के आदेश तक पालने के लिए कुछ लोगों काे दे दिया। खास बात यह है कि पुलिस ने जिन्हें पशु सुपुर्दगी में दिए, उनमें से किसी को जानती तक नहीं। एक बिचाैलिए के कहने पर पशु दे दिए। अब पुलिस को न तो पशु लेने वाले मिल रहे और न ही बिचौलिया हाथ आ रहा। मजबूरन पुलिस को मुकदमा दर्ज करना पड़ गया।

मुकदमा गंज कोतवाली के हेड मोहर्रिर विशेष कुमार की ओर से कराया है। मुकदमे में कहा है कि पुलिस ने 21 मार्च को पशु क्रूरता अधिनियम के मुकदमे में पांच भैंस वंशीय पशु बरामद किए थे। थाने में पशुओं को पालने की व्यवस्था न होने पर 28 मार्च को उन्हें दो लोगों की सुपुर्दगी में दे दिया था। जिनकी सुपुर्दगी में पशु दिए, पुलिस ने उनका नाम पता और मोबाइल नंबर नोट कर लिया। ये दोनों मुहल्ला बजरिया खानसामा का सारिक पुत्र बबलू और मुहल्ला मजार शाह बगदादी साहब का मोहम्मद सईद पुत्र याकूब हैं। पुलिस के मुताबिक इन दोनों को मुहल्ला घेर मर्दान खां का जुबैर पुत्र फिरासत थाने लेकर आया था। जुबैर की तत्कालीन थाना प्रभारी रामवीर सिंह से पहचान थी।

उसके कहने पर लिखा-पढ़ी में दो पशु शाकिर को और तीन मोहम्मद सईद को सौंप दिए। तब हिदायत दी गई कि न्यायालय या पुलिस द्वारा तलब करने पर पशुओं को वापस लौटाना होगा। ऐसा न करने पर एक लाख रुपये जुर्माना देना होगा। नौ अगस्त को न्यायालय ने पशुओं को उसके असली मालिक को सौंपने के आदेश पुलिस को दिए। पुलिस ने आदेश का पालन कराने के लिए पशु ले जाने वालों से संपर्क किया, लेकिन उनके मोबाइल नंबर पर संपर्क नहीं हो सका।

पुलिस ने नोटिस उनके पते पर भिजवाया तो पता चला कि पता भी गलत था। अब पुलिस ने गवाह बनकर आए बिचौलिये को तलब किया तो वह भी गायब हो गया। माना जा रहा है कि आरोपितों ने सुपुर्दगी में लिए पशुओं को ठिकाने लगा दिया है। गंज कोतवाली के प्रभारी अनिल कुमार वर्मा ने बताया कि तीनों आरोपितों के खिलाफ धोखाधड़ी और अमानत में खयानत की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है। आरोपितों की तलाश की जा रही है।

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