मिलों पर चार अरब का बकाया, चीनी बिक्री पर लगी रोक Moradabad News
अगवानपुर बिलारी और बेलवाड़ा मिल की चीनी को गन्ना विभाग से किया संबद्ध। तीन चीनी मिलों पर गन्ना विभाग ने दिखाई सख्ती। रानीनांगल के भुगतान की स्थिति ठीक।
मुरादाबाद,जेएनएन। लॉकडाउन में किसानों के गन्ना मूल्य भुगतान को लेकर चीनी मिलें उदासीनता बरत रही हैं। तीन चीनी मिलों पर गन्ना विभाग ने सख्ती करते हुए चीनी बिक्री पर रोक लगा दी है। बेलवाड़ा, बिलारी और अगवानपुर चीनी मिल गन्ना विभाग की अनुमति के बाद ही चीनी बेंच सकेंगी। जिले में चार चीनी मिलें हैं, इसमें रानीनांगल के भुगतान की स्थिति ही ठीक मिली है।
अगवानपुर चीनी मिल ने 19 जनवरी, बिलारी ने 28 जनवरी एवं बेलवाड़ा ने पहली फरवरी तक के गन्ना मूल्य का भुगतान किया है। चीनी मिलों को नोटिस देकर अगस्त माह तक का भुगतान पूरा कराने का निर्देश दिया गया है। रानीनांगल चीनी मिल पर 91 करोड़, बेलवाड़ा पर 113, बिलारी पर 110 एवं अगवानपुर पर 151 करोड़ रुपया गन्ना किसानों का बकाया है।
टिड्डियों से सतर्कता को बनी निगरानी समिति
जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह के निर्देश पर गन्ने की फसल को टिड्डियों के हमले से बचाने के लिए गन्ना विभाग में निगरानी समिति का गठन किया गया है। जिला गन्ना अधिकारी डॉ. अजय सिंह को अध्यक्ष, बेलवाड़ा चीनी मिल के उपाध्यक्ष धन सिंह को समिति का उपाध्यक्ष बनाया गया है। जिले की सभी चीनी मिलों के प्रबंधक और ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक को समिति का सदस्य बनाया गया है। समिति में शामिल लोग अपने-अपने क्षेत्रों में भ्रमण कर किसानों को टिड्डियों से बचाने के लिए उनको जागरूक करेंगे।
चीनी मिलों को नोटिस देकर भुगतान में तेजी लाने के लिए कहा गया है। फिलहाल तीन मिलों की चीनी बिक्री पर रोक लगाई गई है। टिड्डियों से बचाव के लिए भी निगरानी समिति बनी है। सभी कर्मचारियों को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं।
डॉ. अजय सिंह, जिला गन्ना अधिकारी
घर पर पड़ा है गेहूं, गन्ने का फंसा भुगतान तो किसान हुए परेशान
लॉकडाउन में किसानों की दिक्कत कम होने का नाम नहीं ले रही है। बारिश होने के कारण किसानों का गेहूं क्रय केंद्रो पर नहीं बिक पा रहा है और गन्ना मूल्य चीनी मिलें दे नहीं रही हैं। जिले की चार चीनी मिलों पर चार सौ करोड़ का बकाया होने से किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खिंच गई है। अगली फसल बोने के लिए किसानों को अपने शुभ चिंतकों और रिश्तेदारों से उधार लेकर काम चलाना पड़ रहा है।
गन्ना मूल्य भुगतान में रानीनांगल सबसे आगे है। 19 मार्च तक का गन्ना मूल्य भुगतान रानीनांगल ने कर दिया है। सबसे खराब स्थिति में अगवानपुर, बिलारी और बेलवाड़ा है। अगवानपुर चीनी मिल ने 19 जनवरी, बिलारी ने 28 जनवरी एवं बेलवाड़ा ने पहली फरवरी तक के गन्ना मूल्य का भुगतान किया है। चीनी मिलों को नोटिस देकर अगस्त माह तक भुगतान पूरा कराने का निर्देश दिया गया है। रानीनांगल चीनी मिल पर 91 करोड़, बेलवाड़ा पर 113, बिलारी पर 110 एवं अगवानपुर पर 151 करोड़ का बकाया है।
दीवान शुगर मिल (अगवानपुर) पर डेढ़ लाख का बकाया है। पैसा नहीं मिलने पर घर का खर्च चलाना मुश्किल हो गया है। गेहूं भी बारिश में भींग जाने के कारण नहीं बिक रहा है, बहुत दिक्कत है। किसानों की सुनने वाला कोई नही।
रणधीर सिंह, जवाहर नगर
अगली फसल कैसे बोयेंगे, इसी को लेकर मन परेशान है। अगवानपुर चीनी मिल पर एक लाख बाकी है। हमारी मेहनत का पैसा नहीं मिल रहा है। घर पर गाय और भैंस रखे हैं, दूध बेंचकर घर का खर्च चला रहे। अगर हमारा पैसा मिल जाय तो घर की दिक्कतें कम हो जाएंगी।
राजवीर, काजीपुरा
घर पर गेहूं पड़ा है, बारिश में भीगने के कारण गेहूं का दाना खराब होने से क्रय केंद्र वाले नहीं खरीद रहे है। अगवानपुर चीनी मिल पर दो लाख का बकाया है, किससे कहे, कोई सुन नही रहा। केंद्र और प्रदेश सरकार किसानों के हित को लेकर संकल्पित हैं लेकिन धरातल पर किसान ही परेशान है। अगर गन्ना मूल्य मिल जाय तो हमारे घर की समस्यायें कुछ हद तक दूर हो जाएंगी।
अर्जुन सिंह, काजीपुरा
स्कूल वाले फीस जमा करने और किताब खरीदने के लिए दबाव बना रहे हैं। गेहूं अभी बिका नहीं है, गन्ना मूल्य भी 50 हजार अगवानपुर चीनी मिल पर बकाया है। क्या करें, हमारा पैसा चीनी मिल दबाकर बैठी है। किसी तरह घर का खर्च चला रहे हैं।
रविन्द्र, काजीपुरा
चीनी मिलों ने दस अरब का गन्ना खरीदा : जिले की चार चीनी मिलों ने किसानों से दस अरब का गन्ना खरीदकर पेराई की है, इसमें छह सौ करोड़ का भुगतान हो गया है, चार सौ करोड़ अभी चीनी मिलों पर फंसा है।
चीनी मिल अगवानपुर
बकाया : 151 करोड़, भुगतान : 113 करोड़
बेलवाड़ा : बकाया 113 करोड़, भुगतान 147 करोड़
बिलारी : बकाया 110 करोड़, भुग़तान 116 करोड़
रानीनांगल : बकाया 91 करोड़, भुगतान 231 करोड़