बढ़ सकती है केजीके होम्योपैथिक कॉलेज के पूर्व प्राचार्य की मुश्किल, टीम ने की जांच
केजीके होम्योपैथिक काॅलेज के पूर्व प्राचार्य प्रो. रमेश चंद्रा के बयान दर्ज कर रवाना हुई टीम। जांच शासन स्तर पर राजकीय होम्योपैथिक कॉलेज कानपुर के प्राचार्य डॉ. आनंद कुमार चतुर्वेदी को सौंपी गई थी। अब जल्द ही केंद्रीय जांच टीम की ओर से जांच शुरू करने की उम्मीद।
मुरादाबाद, जेएनएन। KGK Homoeopathic College। केजीके होम्योपैथिक कॉलेज के पूर्व प्राचार्य प्रो. रमेश चंद्रा के ऊपर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की फाइल परत-दर-परत खुलेगी। बुधवार को उन पर लगे कई आरोपों की जांच कर टीम कानपुर के लिए रवाना हो गई।
जांच अधिकारी डॉ. आनंद कुमार चतुर्वेदी के मुताबिक वह जल्द ही अपनी रिपोर्ट शासन को सौंपेंगे। उम्मीद की जा रही है कि इसके बाद जोधपुर के एक कॉलेज को ग्रेडिंग दिलवाने के नाम पर किए गए भ्रष्टाचार की फाइल भी खुलेगी। इसकी जांच विशेष सचिव द्वारा की जा रही है। केजीके होम्योपैथिक कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डॉ. रमेश चंद्रा पर भ्रष्टाचार के कई आरोप लगे हैं। आरोप है कि उन्होंने अपने ही साले को नियम विरुद्ध संविदा पर नौकरी देकर बाद में लैब टेक्नीशियन के पद पर पदोन्नति भी दे दी और उसका वेतन भी निकलवाते रहे। इतना ही नहीं उन्होंने पद का दुरुपयोग करते हुए चिकित्सा व्यय पूर्ति का भुगतान अपनी पत्नी की बीमारी के नाम पर ले लिया, जबकि उनकी पत्नी भी राजकीय सेवा में हैं। इस तरह के कई आरोपों की जांच शासन स्तर पर राजकीय होम्योपैथिक कॉलेज कानपुर के प्राचार्य डॉ. आनंद कुमार चतुर्वेदी को सौंपी गई थी, बुधवार को वह कॉलेज के कर्मचारियों व प्रो. रमेश चंद्रा के बयान दर्ज कर वापस लौट गए। अभी विशेष सचिव की जांच बाकी इन आरोपों के अलावा प्रो. चंद्रा पर जोधपुर के एक कॉलेज में निरीक्षण के दौरान फर्जी तरीके से बिल बनवाने के आरोप भी लगे हैं। आरोप है कि उन्होंने विश्वविद्यालय से जोधपुर के कॉलेज के निरीक्षण के दौरान हुए खर्च का भुगतान तो लिया ही साथ ही उन्होंने कॉलेज प्रबंधन से भी मोटी रकम वसूली। इसके बाद भी मनमाफिक रिपोर्ट नहीं मिलने पर कॉलेज प्रबंधक की ओर से इसकी शिकायत की गई। इस आरोप के बाद ही प्रो. चंद्रा को उनके पद से निलंबित कर दिया गया। उम्मीद की जा रही है कि उप्र शासन की जांच पूरी होने के बाद अब केंद्रीय स्तर पर विशेष सचिव की जांच भी शुरू होगी।