मुरादाबाद में पूर्व बसपा विधायक ने थामा सपा का दामन, बदल सकते हैं स‍ियासी समीकरण

ठाकुरद्वारा के पूर्व बसपा विधायक विजय यादव ने समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया। उनके इस कदम से पंचायत चुनाव में स‍ियासी समीकरण बदल सकते हैं। वे इस चुनाव में सपा समर्थ‍ित प्रत्‍याशी को ज‍िताने के ल‍िए पूरा जोर लगा लगा सकते हैं।

By Narendra KumarEdited By: Publish:Sun, 17 Jan 2021 07:12 AM (IST) Updated:Sun, 17 Jan 2021 07:12 AM (IST)
मुरादाबाद में पूर्व बसपा विधायक ने थामा सपा का दामन, बदल सकते हैं स‍ियासी समीकरण
पंचायत चुनाव से पहले सपा में शामिल होने से बदलेंगे सियासी समीकरण।

मुरादाबाद, जेएनएन। ठाकुरद्वारा के पूर्व बसपा विधायक विजय यादव ने समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया। उन्हें लखनऊ स्थित पार्टी कार्यालय पर सपा के मुखिया एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सदस्यता दिलाई। पंचायत चुनाव से पहले पूर्व ‌‌‌विधायक के सपा में शामिल होने से सियासी समीकरण बदल सकते हैं, क्योंकि वह अपने को मजबूत करने के लिए पार्टी के प्रत्याशियों को जिताने की कोशिश करेंगे।

सपा के जिलाध्यक्ष जयवीर सिंह यादव के साथ पूर्व ‌विधायक सपा में शामिल होने के लिए लखनऊ गए थे। पूर्व विधायक का दावा है कि उनके साथ करीब 200 कार्यकर्ताओं ने सपा की सदस्यता ली है। पूर्व ‌‌विधायक के अलावा बरेली, शाहजहांपुर और मेरठ के भी कई नेताओं ने सपा की सदस्यता ग्रहण की है। विजय यादव वर्ष 2007 बसपा के टिकट पर चुनाव जीतकर ठाकुरद्वारा विधानसभा से विधायक बने थे। तभी से वह बसपा के लिए काम कर रहे थे। इससे पहले वह उत्तराखंड में सपा युवजन सभा के अध्यक्ष रहे थे। 2002 में सपा के टिकट पर ठाकुरद्वारा से विधानसभा चुनाव लड़ा। 2012 में निर्दलीय चुनाव लड़कर दूसरे नंबर पर रहे थे। पंचायत चुनाव से पहले विजय यादव ने फिर से सपा का दामन थाम लिया है। सपा की सदस्यता लेने के बाद उन्होंने सपा के मुखिया को पीतल की गदा भेंट की। इस दौरान पूर्व विधायक का बेटे संजय यादव भी साथ में थे। ठाकुरद्वारा क्षेत्र में पूर्व ‌‌विधायक पंचायत चुनाव में सपा समर्थित प्रत्याशियों को जिताने के लिए रविवार से ही प्रयास शुरू करेंगे। जिलाध्यक्ष जयवीर सिंह यादव का कहना है कि पूर्व विधायक जमीन से जुड़े नेता हैं। उनके सपा में शामिल होने से पार्टी को मजबूती मिलेगी।

मैंने घर वापसी की है : विजय यादव

पूर्व विधायक विजय यादव ने कहा है कि हम तो पुराने सपाई हैं। 26 दिसंबर 2019 में मेरठ में ही बसपा को अलविदा कह दिया था। वहां घुटन महसूस हो रही थी। ‌‌‌बसपा का सिस्टम ठीक नहीं है। हम किसी की बुराई नहीं करना चाहते। अब सपा के लिए काम करेंगे। सपा मुखिया अखिलेश यादव जो निर्देश देंगे, उसका पालन होगा।

chat bot
आपका साथी