अमरोहा के गांवों में खतरा पर बाढ़ खंड की चौकी में जड़ा है ताला, चेतावनी के बाद भी अफसर अलर्ट नहीं

Flood Alert in Amroha भले ही मां गंगा के विकराल रूप को देखकर किनारे पर बसे गांवों की अवाम खौफ में हो। लेकिन बाढ़ खंड विभाग का निजाम पूरी तरह से आराम में है। उत्तराखंड की चेतावनी के बाद भी बाढ़ खंड विभाग के अधिकारी अलर्ट नहीं हैं।

By Samanvay PandeyEdited By: Publish:Wed, 20 Oct 2021 07:15 PM (IST) Updated:Wed, 20 Oct 2021 07:15 PM (IST)
अमरोहा के गांवों में खतरा पर बाढ़ खंड की चौकी में जड़ा है ताला, चेतावनी के बाद भी अफसर अलर्ट नहीं
15 अक्टूबर के बाद नहीं पहुंचा कर्मचारी, उत्तराखंड की चेतावनी के बाद भी नहीं जागा निजाम

मुरादाबाद, जेएनएन। Flood Alert in Amroha : भले ही मां गंगा के विकराल रूप को देखकर किनारे पर बसे गांवों की अवाम खौफ में हो। लेकिन, बाढ़ खंड विभाग का निजाम पूरी तरह से आराम में है। यह बात इसलिए कही जा रही है। क्योंकि उत्तराखंड की चेतावनी के बाद भी अमरोहा में बाढ़ खंड विभाग के अधिकारी अलर्ट मोड में नहीं हैं। इसलिए चौकी पर ताला लटका और व्यवस्थाएं उसके अंदर कैद।17 व 18 अक्टूबर को उत्तराखंड व उत्तर-प्रदेश में रिकार्ड तोड़ बारिश हुई है। उसी बारिश की बदौलत दोनों राज्यों में तबाही जैसा मंजर बना हुआ। स्कूल बंद और सड़कों पर वाहनों की आवाजाही पर भी ब्रेक लग गया।

हालात बेकाबू होने पर उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में स्थित कालागढ़ डैम से भी गंगा किनारे के जनपद अमरोहा, मुरादाबाद, बिजनौर, रामपुर, बरेली, शाहजहांपुर व फर्रुखाबाद में अलर्ट जारी करते हुए बाढ़ के बचाव वाले इंतजाम जुटाने के लिए कहा था। मंगलवार की रात को अलर्ट के मुताबिक ऐसे हालत देखने को भी मिले। खादर के गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया और सड़क तालाब बन गईं। तिगरी में घाट डूब गए और पुरोहितों की झोपड़ियां बह गईं। कटान भी तेजी से हो रहा है। इसके बावजूद व्यवस्थाओं में कोई सुधार नहीं हुआ।

दैनिक जागरण ने जब अलर्ट जारी होने के बाद बाढ़ खंड विभाग की मुस्तैदी की पड़ताल की तो बुरे हालात मिले। तिगरी में बाढ़ खंड की चौकी बंद मिली। तिगरी के मुंत्याज खान ने बताया कि 15 अक्टूबर के बाद से कोई कर्मचारी यहां नहीं पहुंचा है। अवर अभियंता को भी कोई सरोकार नहीं है। कटान रोकने के लिए बने लोहे के जाल चौकी पर शोपीश बने हैं। जलस्तर नापने को लगाया गया गेज भी गायब है। गांवों में अलर्ट रहने की मुनादी भी कागजों में हो गई।

गांव मंदिर वाली भुड्डी के रहने वाले विजयपाल ने बताया कि गांव में कोई मुनादी नहीं कराई है। गांव दारानगर के रहने वाले मंगत सिंह ने बताया कि नाव के सहारे ही लोग आ जा रहे हैं। प्रशासन ने पानी भरे रास्ते में निकालने के लिए कोई इंतेजाम भी नहीं है। पैदल ही ग्रामीण जा रहे हैं। ऐसे में साफ है कि अलर्ट के बावजूद बाढ़ खंड विभाग के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी।

एसडीओ बोले, कर्मचारी भेजे गए हैं : बाढ़ खंड विभाग के एसडीओ रामलाल सिंह ने बताया कि अलर्ट जारी होने के बाद तिगरी में बाढ़ खंड की चौकी पर कर्मचारी को भेजा गया है। चूंकि 15 अक्टूबर के बाद निगरानी का काम खत्म हो जाता है। इसलिए कर्मी वहां से चला गया था। अब चौकी खुलवा दी गई है।

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