Flood Protection Preparations : मुरादाबाद में नदियों किनारे बसे गांवों के जर्जर मकानों का होगा सर्वे, बाढ़ चौकियां सक्रिय
वर्ष 2010 में बाढ़ की विभीषिका झेलने वाले गांवों को ही प्रशासन ने अभी बाढ़ प्रभावित मानकर काम करना शुरू कर दिया है। बाढ़ से प्रभावित होने वाले सभी गांवों के जर्जर भवनों का सर्वे होगा। इसके अलावा बाढ़ से राहत के लिए अन्य व्यवस्थाएं भी की जा रही है।
मुरादाबाद, जेएनएन। मौसम विभाग के अलर्ट जारी होते ही प्रशासन ने बाढ़ से बचाव के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं। वर्ष 2010 में बाढ़ की विभीषिका झेलने वाले गांवों को ही प्रशासन ने अभी बाढ़ प्रभावित मानकर काम करना शुरू कर दिया है। बाढ़ से प्रभावित होने वाले सभी गांवों के जर्जर भवनों का सर्वे होगा। इसके अलावा बाढ़ से राहत के लिए अन्य व्यवस्थाएं भी की जा रहीं हैं।
बाढ़ से बचाव के लिए प्रशासन ने इंतजाम शुरू कर दिए हैं। जिले की सभी बाढ़ चौकियों को अलर्ट कर दिया गया है। बाढ़ आने की स्थिति में सभी चौकियों को सक्रिय कर दिया जाएगा। हर गांव के ऐसे लोगों के मोबाइल नंबरों की सूची बनाई जा रही है, जो तैरना जानते हैं। बाढ़ के हालत होने पर उनसे बचाव के लिए काम लिया जाएगा। राहत सामग्री पहुंचाने में भी ऐसे लोग मददगार साबित होंगे। बाढ़ प्रभावित गांवों के कच्चे मकानों में रहने वाले लोगों की सूची बन रही है। जर्जर भवनों को सूचीबद्ध करने का काम हो रहा है। जर्जर भवन स्वामियों को कंट्रोल रूम का नंबर दिया जा रहा है। बालिया वल्लभपुर, काजीपुरा मुस्तापुर और पीपलसाना स्थित तीनों तटबंधों की निगरानी के लिए चौकियां बना दीं गईं हैं। इन चौकियों का मकसद तटबंधों की सुरक्षा करना है, क्योंकि इन तीनों तटबंधों के टूटने से सैकड़ों गांवों में पानी घुसने का खतरा बना रहता है। बाढ़ आने की दशा में चौकियां पल-पल की खबर आला अधिकारियों को देती रहेंगी। एसडीएम सदर प्रशांत तिवारी ने बताया कि मूंढापांडे हवाई अड्डे के अलावा सर्किट हाउस और पुलिस लाइन में हेलीकॉप्टर उतरने की व्यवस्था है। इसके अलावा बाढ़ से निपटने के लिए कार्ययोजना तैयार हो गई है। राहत के लिए अन्य व्यवस्थाएं भी की जा रही हैं। हालांकि अभी तक की बरसात से बाढ़ का कोई खतरा नहीं है।
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