रामपुर में कोसी नदी की बाढ़ में फंसे पांच सौ लोगों को पीएसी के गोताखोरों ने सुरक्षित निकाला

Flood in Rampur रामपुर में कोसी नदी की बाढ़ में फंसे लोगों को बचाने के लिए प्रशासन द्वारा बनाई गई टीमें और पीएसी के गाेताखोर दिनभर जुटे रहे। शाम तक पांच सौ लोगों को सुरक्षित निकाल लिया। उन्हें राहत सामग्री भी मुहैया कराई।

By Samanvay PandeyEdited By: Publish:Wed, 20 Oct 2021 09:21 PM (IST) Updated:Wed, 20 Oct 2021 09:21 PM (IST)
रामपुर में कोसी नदी की बाढ़ में फंसे पांच सौ लोगों को पीएसी के गोताखोरों ने सुरक्षित निकाला
पीएसी व एसडीआरएफ के गोताखोरों की चार टीमें बनी हैं, जो नाव से लोगों को बाहर निकाल रहे हैं।

मुरादाबाद, जेएनएन। Flood in Rampur : रामपुर में कोसी नदी की बाढ़ में फंसे लोगों को बचाने के लिए प्रशासन द्वारा बनाई गई टीमें और पीएसी के गाेताखोर दिनभर जुटे रहे। शाम तक पांच सौ लोगों को सुरक्षित निकाल लिया। उन्हें राहत सामग्री भी मुहैया कराई। बाढ़ से सौ गांव प्रभावित हुए हैं, जहां मदद की जा रही है। बाढ़ पीडितों की मदद के लिए जिला प्रशासन भी हर संभव प्रयास कर रहा है। जिलाधिकारी रविंद्र कुमार मांदड़ और पुलिस अधीक्षक अंकित मित्तल खुद बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों का लगातार दौरा कर रहे हैं। बाढ़ में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए टीमें बनाई हैं।

पीएसी व एसडीआरएफ के गोताखोरों की चार टीमें बनी हैं, जो नाव से लोगों को बाहर निकाल रहे हैं। जिलाधिकारी ने बताया कि बाढ़़ में फंसे पांच सौ लोगों को सुरक्षित निकाला गया है। घाटमपुर, मोरी गेट, पहाड़पुर व नई बस्ती में ही दो सौ लोगों को सुरक्षित निकाला गया। इसी तरह अन्य तहसीलों में भी बचाव कार्य किया गया है। पीएसी की एक टीम और बुलाई गई है। चार प्राइवेट नाव की व्यवस्था की जा रही है। जिले में सौ गांव बाढ़ से प्रभावित हैं।

नुकसान का सर्वे कराया जा रहा है, ताकि लोगों को शीघ्र मुआवजा दिया जा सके। रामनगर बैराज से लागातार पानी आ रहा है। अब भी 25 हजार क्यूसिक पानी बह रहा है। हालांकि मंगलवार रात के मुकाबले कम हुआ है। पहले लालपुर पुल पर 16 फिट पानी था और अब 12 फिट है। यहां पानी मांपने का निशान बना है। उम्मीद है कि गुरुवार को स्थिति में कुछ सुधार होगा। बाढ़ पीड़ितों को लगातार राहत सामग्री भी दी जा रही है। बुधवार को दस हजार पैकेट बांटे गए।

मरम्मत करा रहे कर्मचारीः पानी के तेज बहाव से सड़कों पर कटान की समस्या के समाधान को पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों से दुरूस्त कराया जा रहा है। सिंचाई विभाग के अधिकारी भी तटबन्धों के दुरूस्तीकरण के लिए जरूरी संसाधनों को जुटाने में लगे हैं। संक्रामक बीमारियों के खतरे को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य विभाग की टीमें सक्रिय कर दी गई है। गांव में पानी की निकासी के लिए पंपसेट भी जुटा लिए गए हैं। चार नाव और मंगाई गई हैं।

बाढ़ कंट्रोल रूम बनाया : रामनगर बैराज से द्वारा पानी छोडे जाने से कोसी नदी आई बाढ़ से उत्पन्न स्थिति से निबटने को प्रशासन ने कमर कस ली है। इसके लिए जिला मुख्यालय पर कंट्रोल रूम की स्थापना की गई है। वहीं दिन भर विभिन्न विभागों के अधिकारी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लेकर ग्रामीणों को जरूरी हिदायत देते रहे। जिलाधिकारी रविन्द्र कुमार मांदड ने जिला मुख्यालय पर कंटोल रूम की स्थापना की है।

201 पर काल करके समस्या बताई जा सकती है। जिलाधिकारी ने कंट्रोल रूम में प्राप्त शिकायतों के निस्तारण एवं मानीटरिंग की स्थिति के बारे में उपजिलाअधिकारी निधि डोडवाल एवं एसडीएम देवेन्द्र प्रताप से जानकारी प्राप्त की। कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को त्वरित रूप से राहत पहुंचाने में लापरवाही बर्दास्त नहीं की जाएगी। फसल के नुकसान की शिकायतों का अलग से रजिस्टर बनाने के दिए दिए।

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