Flood in Moradabad : हाईवे से कम होने लगा बाढ़ का पानी, दोपहर एक बजे से वाहनों की आवाजाही जारी

Flood in Moradabad मुरादाबाद और रामपुर में बाढ़ के पानी से ब‍िगड़े हालात अब सामान्‍य होने लगे हैं। हाईवे से बाढ़ का पानी भी कम होने लगा है। वहीं दूसरी ओर दोपहर एक बजे से वाहनों की आवाजाही भी सुचारू हो गई। इससे लोगों को काफी राहत म‍िली।

By Narendra KumarEdited By: Publish:Wed, 20 Oct 2021 02:16 PM (IST) Updated:Wed, 20 Oct 2021 02:16 PM (IST)
Flood in Moradabad : हाईवे से कम होने लगा बाढ़ का पानी, दोपहर एक बजे से वाहनों की आवाजाही जारी
मुरादाबाद में कोसी नदी में बाढ़ का नजारा।

मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। Flood in Moradabad : लगातार बारिश के बाद कोसी नदी में आए उफान ने रामपुर और मुरादाबाद के लोगों को डरा द‍िया है। लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हालांक‍ि सुबह से ब‍िगड़े हालात अब कुछ सामान्‍य होने शुरू हो गए हैं। हाईवे से बाढ़ का पानी भी कम होने लगा है। वहीं दूसरी ओर दोपहर एक बजे से वाहनों की आवाजाही भी सुचारू हो गई। इससे लोगों को काफी राहत म‍िली।

कुंदरकी के खादर इलाके में बाढ़ के पानी से कई हेक्टेयर धान की फसल बर्बाद हो गई। उड़द, गन्ने की फ़सल भी प्रभावित हुई है। कोसी, रामगंगा नदी और गांगन नदी के उफनाने से कुंदरकी के 12 गांव प्रभावित हुए हैं। बाढ़ का पानी खेतों से बढ़ता हुआ आबादी की ओर रुख करने लगा है। इससे गांव के लोग भयभीत हैं। फसल बर्बाद होने से क‍िसान भी मायूस नजर आ रहे हैं। 

हाईवे पर बनाया खाना : हाईवे पर अचानक बाढ़ का पानी आने से रास्‍ता रुक गया था। इसकी वजह से बद्रीनाथ से वापस लौट रही यात्री बस को भी रुकना पड़ा। यात्री लखनऊ के गोसाईंगंज लौट रहे थे, उन्‍होंने हाईवे पर खाना बनाकर खाया। दूर से आ रहे अन्‍य वाहनों में सवार लोगों को भी ऐसे ही वक्‍त ब‍िताना पड़ा। 

सहेलियां गांव में फ्लड टीम : गांवोंं में बाढ़ का पानी आने से बचाव टीम गांव में पहुंची। कई जगहों पर फंसे लोगों को नाव आदि के सहारे न‍िकाला गया। वहीं दूसरी ओर पशुओं को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। ग्रामीण क‍िसी तरह उन्‍हें सुरक्ष‍ित स्‍थान पर ले गए।

कुछ जगहों पर ग‍िरे पेड़ : बाढ़ का  पानी हाईवे पर पहुंचने के कारण रोड के क‍िनारे लगे पेड़ तेज बहाव के कारण कमजोर पड़ गए, इससे वे टूटकर ग‍िर गए।  मुरादाबाद के प्रवेश मार्ग पर भी एक पेड़ गिरने से रास्‍ता बंद हो गया। बाद में इसकी शाखाओं को काटकर इसे हटाया जा सका।

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