मुरादाबाद में बिना पीओएस मशीन के नहीं होगी उर्वरक की बिक्री, कैश मेमो भी देना होगा, व्‍यापार‍ियों को निर्देश जारी

खरीफ की फसल में उर्वरक की कालाबाजारी रोकने के लिए सरकार ने कड़े कदम उठाए हैं। शासन ने आदेश दिए हैं कि कोई भी थोक एवं खुदरा व्यापारी बिना पीओएस मशीन के उर्वरक की बिक्री नहीं खरीद पाएंगे।

By Narendra KumarEdited By: Publish:Sat, 24 Jul 2021 02:20 PM (IST) Updated:Sat, 24 Jul 2021 02:20 PM (IST)
मुरादाबाद में बिना पीओएस मशीन के नहीं होगी उर्वरक की बिक्री, कैश मेमो भी देना होगा, व्‍यापार‍ियों को निर्देश जारी
सीडीओ ने सभी विक्रेताओं को जारी किए निर्देश।

मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। खरीफ की फसल में उर्वरक की कालाबाजारी रोकने के लिए सरकार ने कड़े कदम उठाए हैं। शासन ने आदेश दिए हैं कि कोई भी थोक एवं खुदरा व्यापारी बिना पीओएस मशीन के उर्वरक की बिक्री नहीं खरीद पाएंगे। खरीदने वाले किसानों को कैश मेमो भी देना होगा। मुख्य विकास अधिकारी ने इसके लिए सभी थोक एवं खुदरा व्यापारी को निर्देश जारी कर दिया है। किसी के यहां भी उर्वरक की खरीद में गड़बड़ी मिलती है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

सीडीओ आनंद वर्धन ने उर्वरक के रिटेल और थोक के विक्रेताओं को निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने कहा कि आइएफएमएस पोर्टल एवं पीओएस के माध्यम से कृषकों को कैश मेमो दिया जाए। गुणवत्तायुक्त रासायनिक उर्वरकों को निर्धारित दर पर पीओएस मशीन के माध्यम से ही बिक्री करनी है। उर्वरक के व्यवसायी अपनी दुकानों में स्टाक रजिस्टर रखें। पहचान पत्र, बैंक की पासबुक, आधार कार्ड, राशन कार्ड और जोतबही लेकर ही किसान उर्वरक की दुकान पर पहुंचे। हर केंद्र पर क्रय रजिस्टर होना चाहिए। विक्रय रजिस्टर में दुकानदार किसान का नाम, पिता का नाम, श्रेणी और उर्वरक का नाम अवश्य अंकित हो। उर्वरक व्यावसायी किसी कृषक का यूरिया, डीएपी, एनपीके आदि टैगिंग के बाध्य नहीं करेंगे। निर्धारित दर से ज्यादा पर बिक्री होती मिली तो आरोपित दुकानदारों पर कार्रवाई कर दी जाएगी। किसी भी दुकानदार की उर्वरक की बिक्री गलत तरीके से करने की जानकारी मिले तो उप कृषि निदेशक सीएल यादव या जिला कृषि अधिकारी ऋतुषा तिवारी के मोबाइल नंबर पर फोन करके शिकायत करें। एक ही व्यक्ति को किसी भी हाल अलग-अलग खाद की बिक्री नहीं होगी। ऐसा मामला पकड़ में आने पर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होगी। दुकानदार कोरोना से बचाव के लिए व्यवस्था करें। किसानों के हाथ धुलवाने के लिए साबुन की व्यवस्था करें। दुकानों के बाहर अधिकारियों के मोबाइल नंबर अंकित करा दें ताकि किसी भी किसान को अपनी बात कहने में कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए।

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