Fear of bird flu in Moradabad : ठाकुरद्वारा में जवाहर नवोदय विद्यालय के पीछे मृत मिले पांच कौवे, नहीं म‍िले बीमारी के लक्षण

Death of five crows in Thakurdwara ज‍िले के ठाकुरद्वारा के गोपीवाला गांव में विद्यालय के पीछे यूकेलिप्टस के बाग में मिले मृत कौवे। सीवीओ के साथ मौके पर पहुंची पशु चिकित्सकों की टीम की निगरानी में दफन कराया गया।

By Narendra KumarEdited By: Publish:Thu, 14 Jan 2021 08:16 AM (IST) Updated:Thu, 14 Jan 2021 08:16 AM (IST)
Fear of bird flu in Moradabad : ठाकुरद्वारा में जवाहर नवोदय विद्यालय के पीछे मृत मिले पांच कौवे, नहीं म‍िले बीमारी के लक्षण
ग्राम गोपीवाला में जवाहर नवोदय विद्यालय के पीछे यूकेलिप्टस का बाग है।

मुरादाबाद, जेएनएन। Death of five crows in Thakurdwara। कोरोना के साथ बर्ड फ्लू के खौफ के दौरान ठाकुरद्वारा के ग्राम गोपीवाला में नवोदय विद्यालय के पीछे यूकेलिप्टस के बाग में पांच कौवे मृत पाए गए। सूचना पर मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉक्टर हरिशंकर वर्मा की अगुवाई में टीम मौके पर पहुंची। वन दारोगा और उनके साथी भी टीम में शामिल थे। सीवीओ ने अपनी निगरानी में जांच कराई।

डॉक्टरों की टीम का दावा है कि मरने वाले किसी कौवे में बर्ड फ्लू के लक्षण नहीं थे। इस पर उनके शवों को यूकेलिप्टस के बाग में ही गहरे गड्ढे खोदकर दफन करा द‍िए गए। ठाकुरद्वारा तहसील के ग्राम गोपीवाला में जवाहर नवोदय विद्यालय के पीछे यूकेलिप्टस का बाग है। गोपीवाला गांव में काशीपुर निवासी सतीश कुमार दूध की डेयरी का संचालन करते हैं। उनकी डेयरी बाग के पास ही है। बुधवार को सतीश कुमार ने डिप्टी सीवीओ एसपी पांडेय को फोन करके बताया कि यूकेलिप्टस के बाग में मृत कौवे पड़े हैं। सतीश कुमार ने वन विभाग के अधिकारियों को भी बताया। सूचना मिलते ही मुख्य पशु चिकित्साधिकारी ठाकुरद्वारा के डिप्टी सीवीओ एसपी पांडेय, डिलारी के पशु चिकित्सक नरेश चंद्र, जटपुरा के तनु सिंह, पशु मित्र वीरेंद्र और वन दारोगा और उनकी टीम के साथ गोपीवाला गांव पहुंच गए। करीब तीन घंटे तक पशु पालन विभाग और वन विभाग की टीम ने मृत काैवे की तलाश में गोपीवाला के जंगल को खंगाला। इसके बाद सूचना देने वाले युवक को बुलाया गया। सतीश कुमार के आने पर टीम यूकेलिप्टस के बाग में पहुंच गई। टीम को बाग में पांच कौवे के शव मिले। सीवीओ का कहना है कि मरने वाले कौवे में बर्ड फ्लू के कोई लक्षण नहीं मिले। बर्ड फ्लू से मरने वाले पक्षी के सिर में सूजन होती है। ऐसे पक्षियों की आंखें लाल हो जाती हैं और मुंह में झाग से होते हैं। लेकिन कौवे में इस तरह के कोई लक्षण नहीं मिले। इसलिए यूकेलिप्टस के बाग में ही पांचों कौवों के शवों को गहरे गड्ढे खोदकर दफन करा दिया गया। बर्ड फ्लू से कहीं कोई खतरे की बात नहीं है। तहसील स्तर पर हमारी टीमें निगरानी कर रही हैं। कहीं भी पक्षी के मरने की सूचना मिले तो 112 पर भी फोन करके जानकारी दी जा सकती है। सीवीओ ने बताया कि जवाहर नवोदय विद्यालय के साथ गोपीवाला और उसके पास के गांव कालेवाला और माधोवाला में ग्रामीणों को जागरूक किया गया है। टीम में शामिल अधिकारियों ने ग्रामीणों को समझाने के साथ ही भविष्य में कहीं पक्षियों के मृत मिलने पर शीघ्र पशु चिकित्सा विभाग को सूचना देने की अपील की है।

कौवे में बर्ड फ्लू के कोई लक्षण नहीं मिले हैं। ठंड से उनकी मौत हुई थी। इसलिए जिस यूकेलिप्टस के बाग में वे मरे हुए मिले थे, वहीं गड्ढे खोदकर दफन करा दिए गए। घबराने की जरूरत नहीं है।

डॉ. हरिशंकर वर्मा, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, मुरादाबाद

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