Fake Birth Certificate Case : मास्टर आइडी का दुरुपयोग कर बनाए जन्म प्रमाण पत्र, सामने आ रहे चौंकाने वाले राज

Moradabad fake birth certificate case करीब एक दर्जन जन्म प्रमाण पत्र ऐसे हैं जो छह महीने में बनाए गए और इनमें पार्षद सफाई निरीक्षक शपथ पत्र समेत एसडीएम की रिपोर्ट नहीं लगाई गई है। जबकि यह प्रमाण पत्र 21 दिन बीतने के बाद बनाए गए हैं।

By Narendra KumarEdited By: Publish:Sat, 23 Oct 2021 03:58 PM (IST) Updated:Sat, 23 Oct 2021 03:58 PM (IST)
Fake Birth Certificate Case : मास्टर आइडी का दुरुपयोग कर बनाए जन्म प्रमाण पत्र, सामने आ रहे चौंकाने वाले राज
मास्टर आइडी से सीधे जन्म प्रमाण पत्र में बनाने में वसूली का खेल।

मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। Fake Birth Certificate Case : फर्जी प्रमाण पत्र में कई नए मामले और भी हैं। नगर निगम में जन्म प्रमाण पत्र के नाम पर नियमित चैनल की बजाए सीधे मास्टर आइडी का दुरुपयोग करके जन्म प्रमाण पत्र बनाए जा रहे हैं। मास्टर आइडी आउट सोर्सिंग कर्मचारी के हाथ में होने से जरूरी साक्ष्यों के सीधे डिटेल अपलोड करके उसी दिन या अगले दिन ही प्रमाण पत्र जारी किए गए हैं। इनमें भी किसी साक्ष्य की जरूरत नहीं समझी गई। करीब एक दर्जन जन्म प्रमाण पत्र ऐसे हैं, जो छह महीने में बनाए गए और इनमें पार्षद, सफाई निरीक्षक, शपथ पत्र समेत एसडीएम की रिपोर्ट नहीं लगाई गई है। जबकि यह प्रमाण पत्र 21 दिन बीतने के बाद बनाए गए हैं।

बिना जांच-पड़ताल के यह जन्म प्रमाण पत्र जारी किए गए हैं। इन जन्म प्रमाण पत्रों पर माता और पिता का कोई आधार नंबर ही नहीं अंकित है। इनका रिकार्ड नगर निगम के जन्म प्रमाण पत्र सेक्शन के रजिस्टर में भी दर्ज नहीं है और न फार्म की कोई रसीद है। जिससे मास्टर आइडी होने से बिना पंजीयन, रसीद के जोनल हेल्थ इंस्पेक्टर की आइडी व पासवर्ड का दुरुपयोग करके बनाए जा सकते हैं। फिर इस पूरे सिस्टम की क्या जरूरत है, जो शासन स्तर से निर्धारित किए गए हैं कि पहले फार्म लेंगे, फिर रजिस्टर में फार्म संख्या व अन्य डिटेल दर्ज होगी रसीद भी जन्म प्रमाण पत्र वाले को दी जाएगी। इन नियमों को ताक पर रखकर सीधे मास्टर आइडी से जन्म प्रमाण पत्र बनवाना चोर दरवाजे की राह दिखा रहा है। जिस पर अफसर भी आंख मूंदकर विश्वास कर रहे हैं। नगर निगम में चर्चा तेज है कि आउट सोर्सिंग कर्मचारी ने गलती की है। लेकिन, इस गलती के बाद भी उसे बचाने का प्रयास इसलिए हैं क्‍योंकि जन्म प्रमाण पत्र के नाम पर वसूली के खेल में और भी कर्मचारी हैं। दरअसल, नागफनी थाना क्षेत्र में प्रेम प्रसंग के मामले में एक लड़की का जन्म प्रमाण बिना साक्ष्यों के बनाने का मामला खुल चुका है। इस आधार पर फर्जी जन्म प्रमाण पत्र को नगर निगम ने रजिस्ट्रार, जन्म एवं मुत्यु लखनऊ को रद करने के लिए लिखा गया है।

इस पूरे प्रकरण की जांच चल रही है। किस आधार पर जन्म प्रमाण पत्र बनाया गया, इसको चेक किया जा रहा है। दोषी पाए जाने पर निश्चित रूप से कार्रवाई होगी।

अनिल कुमार सिंह, अपर नगर आयुक्त

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