सफाई के नाम पर मुरादाबाद नगर निगम में चल रहा खेल, चहेती कंपनियों के कहने पर बढ़ा दी गई टेंडर की तारीख

स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 में अच्छी रैंकिंग लाने को डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन का काम चहेती कंपनियों के हाथों में थमा दिया गया है। अब दोनों चहेती कंपनियों पर अंगुली उठना शुरू हो गई हैं। 17 नवंबर 2020 काे डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन का टेंडर खुलना था।

By Sant ShuklaEdited By: Publish:Mon, 01 Mar 2021 08:30 AM (IST) Updated:Mon, 01 Mar 2021 04:10 PM (IST)
सफाई के नाम पर मुरादाबाद नगर निगम में चल रहा खेल, चहेती कंपनियों के कहने पर बढ़ा दी गई टेंडर की तारीख
एक सफाई निरीक्षक के हाथों में खेलने वाली कंपनियों को ठेका दे दिया गया।

 मुरादाबाद जेएनएन। स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 में अच्छी रैंकिंग लाने को डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन का काम चहेती कंपनियों के हाथों में थमा दिया गया है। अब दोनों चहेती कंपनियों पर अंगुली उठना शुरू हो गई हैं। 17 नवंबर 2020 काे डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन का टेंडर खुलना था। लेकिन, दोनों कंपनियों के कहने पर टेंडर डालने की तारीख बढ़ा दी गई जबकि पहले से अन्य चार कंपनियों ने भी टेंडर डाले थे। नियमानुसार तीन कंपनियों के टेंडर डालने पर टेंडर खोल दिए जाते हैं। यह मानक पूरा होते हुए भी चहेती कंपनियों को ही टेंडर देने की नियत से नियमों को ताक रख दिया गया और ठेका दो चहेती कंपनियों को दे दिया। मसलन, एक सफाई निरीक्षक के हाथों में खेलने वाली कंपनियों को ठेका दे दिया गया।

आमदनी अठन्नी खर्चा रुपया

नगर निगम में डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन में और भी खेल हैं। स्वच्छता सर्वेक्षण में घरों से कूड़ा उठाने का काम चार कंपनियां कर रही हैं। इनको हर वार्ड से एक महीना कूड़ा उठाने के लिए 1.40 लाख रुपये भुगतान किया जा रहा है और यह कंपनियां यूजर चार्ज के नाम पर नगर निगम को आंखे दिखा रही हैं। 32 वार्डों में कूड़ा उठाने वाली कंपनी को निगम ने एक महीने का करीब 11 लाख रुपया दिया और कंपनी ने यूजर चार्ज वसूलकर मात्र तीन लाख रुपये जमा कराए। यानि स्वच्छता सर्वेक्षण के दबाव में घाटा झेलने को भी नगर निगम प्रशासन तैयार है। यही नहीं वाहन भी अपने दिए हैं। इसका किराया 9000 से 12 हजार रुपये तक वसूलने का दावा निगम करता है। लेकिन, यह वाहन खराब होंगे तो निगम मरम्मत कराने की बजाए कंडम घोषित कराकर बेंच देगा जबकि एक वाहन की मियाद 10 साल की होती है। करार में 1.40 लाख रुपये भुगतान की एवज में 80 फीसद यूजर चार्ज घरों से वसूलकर नगर निगम में जमा करने की शर्त है। लेकिन, लोग कूड़ा नहीं दे रहे, यह कहकर 80 फीसद तो छोड़िए, आधा भी पैसा जमा नहीं कर रही कंपनी। बड़ी फैक्ट्रियों से कूड़े के हिसाब से 500 से 2000 रुपये तक वसूले जा रहे हैं। जिसका कोई हिसाब ही नहीं दिया जा रहा है

कूड़ा कलेक्शन में पहले और अब अंतर

पहली कंपनियों ने नगर निगम से प्रति वार्ड के हिसाब से कोई पैसा लेकर काम ही नहीं किया। एटूजेड नगर निगम को यूजर चार्ज जमा करती थी तब निगम ट्रांसपोर्टशन का चार्ज देता था।हिन्दुस्तान सिक्योरिटी कंपनी ने नो प्रोफिट और नो लॉस पर काम किया। सिर्फ वाहन नगर निगम के थे। अब नगर निगम हर वार्ड का 1.40 रुपया, अपने वाहन देता है जब कूड़ा उठवा रहा है।

क्या कहते हैं अधिकारी

कूड़ा कलेक्शन का काम नियम व शर्तों के आधार पर दिया गया है। जब किसी कंपनी ने टेंडर नहीं डाला तब तारीख बढ़ाई थी। यही नहीं 1.40 लाख रुपये प्रति वार्ड तभी भुगतान होता है जब 80 फीसद यूजर चार्ज वसूलकर कंपनी देगी। कम यूजर चार्ज देने पर उसी हिसाब से कटौती होती है।

गंभीर सिंह, सहायक नगर आयुक्त

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