पंजीयन के तत्काल बाद ई-वे बिल यानी टैक्स चोरी तय

फर्जीवाड़ा करने वालों ने टैक्स चोरी का नया तरीका खोज लिया है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 23 Jun 2021 05:10 AM (IST) Updated:Wed, 23 Jun 2021 05:10 AM (IST)
पंजीयन के तत्काल बाद ई-वे बिल यानी टैक्स चोरी तय
पंजीयन के तत्काल बाद ई-वे बिल यानी टैक्स चोरी तय

मेहंदी अशरफी, मुरादाबाद :

फर्जीवाड़ा करने वालों ने टैक्स चोरी का नया तरीका खोज लिया है। पंजीयन होने के फौरन बाद ही ई-वे बिल जारी करने शुरू कर देते हैं। फर्म के भौतिक सत्यापन का नंबर आने तक करोड़ों रुपये के ई-वे बिल जारी हो जाते हैं। पंजीयन के बाद जल्दी जारी होने वाले ई-वे बिल बिलों को अब विशेष अनुसंधान शाखा सत्यापन करेंगी।

कोरोना महामारी का टैक्स चोरों ने पूरा फायदा उठाया है। नए पंजीयन करने वाले कारोबारियों की फर्मो का भौतिक सत्यापन समय रहते नहीं हो सका। इस मौके का फायदा उठाते हुए टैक्स चोरी करने की नीयत रखने वालों ने आनलाइन फर्म पंजीयन कराई और ई-वे बिल जारी कर दिए। ई-वे बिल को दिखाने पर गाड़ी रोकी नहीं जाती है। लगातार कई मामले सामने आने के बाद वाणिज्यकर विभाग की विशेष अनुसंधान शाखा की टीमों ने अब जांच शुरू कर दी है। नई व्यवस्था के तहत आनलाइन पंजीयन के उपरांत जल्दी से जल्दी फर्म का भौतिक सत्यापन होगा। पंजीयन होते ही जल्दी-जल्दी ई-वे बिल जारी करने वाली फर्मो की जांच के लिए टीम अलग से लगाई गई है। एक माह के अंदर ई-वे बिल जारी होता है तो वाणिज्यकर विभाग उसकी जाच-पड़ताल शुरू कर देगा। फर्म के प्रतिष्ठान और गोदाम को भी चेक किया जा सकता है।

ये है प्रकरण

जून माह में भोजपुर में रजिस्टर्ड फर्म संचालक ने 17 करोड़ के ई-वे बिल जारी किए थे। मौके पर फर्म का सत्यापन करने पर पता चला कि 1.67 करोड़ की टैक्स चोरी की जा चुकी है। वाणिज्यकर विभाग ने पंजीकृत फर्म संचालक के खिलाफ थाने में मुकदमा दर्ज करा दिया। इसके बाद सभी फर्जी पंजीयन कराने वालों की जानकारी जुटाई जा रही है।

वर्जन

पंजीयन कंफर्म होने के फौरन बाद ई-वे बिल जारी होता है तो फर्म गड़बड़ होने का चास 90 फीसद रहता है। इसलिए वाणिज्यकर अधिकारी ई-वे बिल पर पूरी नजर रखते हैं।

जिया जमीर, टैक्स अधिवक्ता

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जैसे ही व्यापारी द्वारा ई-वे बिल जारी होता है। वाणिज्यकर विभाग को जानकारी हो जाती है। ई-वे बिल पर पूरी नजर रखी जा रही है। मौके पर सर्वे कराने पर मामले पकड़ में आए। इसलिए भोजपुर थाने में फर्जी फर्म रजिस्टर्ड कराने वालों के खिलाफ संबंधित अधिकारियों ने मुकदमा दर्ज कराया है।

-अरविंद कुमार, एडिशनल कमिश्नर ग्रेड वन।

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