Ayodhya Ram Mandir : एनएसए लगने के बाद भी राम मंदिर के लिए आंदोलन करते रहे रामपुर के शिव बहादुर

सौगंध राम की खाते हैं मंदिर वहीं पर बनाएंगे के नारे के साथ कूंच करते हुए अयोध्या पहुंच रहे थे। श्री सक्‍सेना बताते हैं कि कारसेवकों में राम मंदिर को लेकर जबर्दस्त उत्साह था।

By Narendra KumarEdited By: Publish:Wed, 05 Aug 2020 09:27 AM (IST) Updated:Wed, 05 Aug 2020 09:27 AM (IST)
Ayodhya Ram Mandir : एनएसए लगने के बाद भी राम मंदिर के लिए आंदोलन करते रहे रामपुर के शिव बहादुर
Ayodhya Ram Mandir : एनएसए लगने के बाद भी राम मंदिर के लिए आंदोलन करते रहे रामपुर के शिव बहादुर

रामपुर(मुस्लेमीन)।  लगातार चार बार विधायक और मंत्री रह चुके शिव बहादुर सक्सेना ने राम मंदिर निर्माण के लिए बड़ा आंदोलन किया है। मुलायम सरकार ने तो उनपर एनएसए भी लगा दिया था। लेकिन, इससे वह झुके नहीं, बल्कि आंदोलन और तेज कर दिया। बार-बार अयोध्या जाते रहे और कार सेवा करते रहे। फिल्म अभिनेता शत्रुघन सिन्हा के साथ भी अयोध्या में राम जन्म भूमि के दर्शन किए।

राम मंदिर निर्माण के लिए चले आंदोलन में यू तो तमाम भाजपा नेताओं ने अहम भूमिका निभाई है, लेकिन शिव बहादुर सक्सेना इसके लिए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत भी जेल बंद रहे। वह कहतेे हैं कि अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण हो, यह हमारा बचपन से ही सपना रहा है। इसके लिए हमने बड़ा आंदोलन भी किया है। हम पर मुलायम सरकार ने एनएसए भी लगाई। यह बात 1990 की है जब देशभर में राम मंदिर के लिए बड़ा आंदोलन चल रहा था। तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम ङ्क्षसह यादव ने कहा था कि हम अयोध्या में पङ्क्षरदे को भी पर नहीं मारने देंगे। इससे कारसेवकों का हौंसला कम नहीं हुआ, बल्कि और बढ़ा। लाठी, गोली खाएंगे, मंदिर वहीं बनाएंगे नारे लगाते हुए लाखों राम भक्त अयोध्या पहुंचे। तब सरकार ने कारसेवकों पर लाठियां भी चलवाईं और गोली भी। इसके बाद भी आंदोलन कमजोर नहीं हुआ।

हम रामपुर में आंदोलन मजबूती से चलाते रहे। रोज मुख्यमंत्री के पुतले फूंके। 24 अक्टूबर 1990 को 300 कारसेवकों के साथ कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया तब उन्हेें गिरफ्तार कर लिया गया। सभी को मुरादाबाद जेल भेज दिया गया। 14 दिन बाद तमाम कारसेवक बिना शर्त रिहा कर दिए गए। लेकिन, उन्हें जेल में ही एनएसए का वारंट थमा दिया गया। तब राम मंदिर आंदोलन को लेकर प्रदेश में केवल दो विधायकों पर एनएसए लगाई गई थी। दूसरे अलीगढ़ के थे। एनएसए के विरोध में पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण ङ्क्षसह ने विधानसभा में आवाज उठाई। तब सरकार ने 28 दिन बाद उन्हें जेल से रिहा कर दिया। इसके बाद भी आंदोलन जारी रहा। 11 जनवरी 1991 को अयोध्या पहुंचकर आंदोलन किया। उन्हें फिर गिरफ्तार कर लिया गया। लेकिन, बाद में छोड़ दिया गया। उनके साथ सूर्य प्रकाश पाल, जुगेश अरोरा, भूपेंद्र ङ्क्षसह, लक्ष्मी नारायण, फूल कुमार सक्सेना, राकेश चौहान, विनोद अग्रवाल, रङ्क्षवद्र अग्रवाल, दिलीप रस्तोगी भी गिरफ्तार किए गए थे।  तब मुलायम सरकार आंदोलन को कुचलने पर आमादा थी। लेकिन, कारसेवक झुकने को तैयार नहीं थे। अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हो रहा है, इससे हमें जो अनुभूति हो रही है, उसका शब्दों में वर्णन नहीं किया जा सकता। इस युग के लोग, जिनके सामने भव्य राम मंदिर का निर्माण हो रहा है, वे अत्यंत भाग्यशाली हैं। मुझे जीवन में इतनी प्रसन्नता कभी नहीं हुई, जितनी अब हो रही है। अब भगवान से एक ही प्रार्थना है कि भव्य मंदिर का निर्माण शीघ्र पूरा हो और हमें भी उसके दर्शन करने का मौका मिले।

chat bot
आपका साथी