बिहार के परंपरागत हस्तशिल्प को बढ़ावा देगा ईपीसीएच, उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मिलेगी पहचान
परियोजना के तहत ईपीसीएच कौशल विकास डिजाइन समर्थन और क्लस्टर निर्माण और बिहार के हस्तशिल्प को घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में बढ़ावा देने जैसी विभिन्न गतिविधियों को बढ़ावा देगी। इसके तहत एक समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किए गए।
मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। बिहार राज्य सरकार ने बिहार राज्य हस्तशिल्प उत्पादों के विकास और प्रचार के लिए ईपीसीएच को एक परियोजना सौंपी है। इस परियोजना के तहत, ईपीसीएच कौशल विकास, डिजाइन समर्थन और क्लस्टर निर्माण और बिहार के हस्तशिल्प को घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में बढ़ावा देने जैसी विभिन्न गतिविधियों को बढ़ावा देगी।
निर्यात संवर्धन परिषद हस्तशिल्प (ईपीसीएच) और उपेंद्र महारथी शिल्प अनुसंधान संस्थान (यूएमएसएएस) बिहार के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। ईपीसीएच के कार्यकारी निदेशक आरके वर्मा मौजूद रहे। महानिदेशक डाॅ. राकेश कुमार ने बताया कि बिहार में मधुबनी पेंटिंग, रॉक पेंटिंग, लकड़ी का काम, मिट्टी के बर्तनों का काम, बांस का काम, सिक्की का काम, पीतल का काम, टिकुली का काम, जरी का काम, कसीदा का काम, कपड़ा पेंटिंग, आभूषण, पटना कलाम और लाख का काम प्रमुख है। इसे अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई जाएगी। इसकी रणनीति तैयार कर ली गई है।
प्रशिक्षण के बाद मिलेगा रोजगार : रामपुर जिला उद्योग केंद्र के उपायुक्त हिमांशु गंगवार ने कहा कि जरी एवं पैचवर्क प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल होने वाले अभ्यर्थी पूरी गंभीरता से हुनर को सीखें। प्रशिक्षण पूरा होने पर वह स्वराेजगार से जुड़ सकेंगे। इसके लिए उन्हें सरकार 25 लाख रुपये तक ऋण भी उपलब्ध कराएगी। वह पहाड़ी गेट स्थित बड़ौदा स्वरोजगार विकास संस्थान आरसेटी में एक जिला एक उत्पाद के अंतर्गत 10 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के शुभारंभ के अवसर पर बोल रहे थे। सह उपायुक्त निहारिका जैन और सहायक उपायुक्त पुष्पराज सिंह ने कहा कि प्रशिक्षण के दौरान जो भी सिखाया जाए, उसे जिम्मेदारी से सीखें। एलडीएम आरके सेठ और आरसेटी निदेशक शुऐब अहमद ने बताया कि 10 दिवस के प्रशिक्षण में प्रशिक्षणार्थियों को सामान्य उद्यमिता, जरी एवं पैच वर्क, अपलिक वर्क के बारे में प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसे वे बेहतर तरीके से सीखें तो इसका ज्यादा लाभ मिलेगा। इसके साथ ही स्वरोजगार स्थापित करने हेतु इच्छुक प्रशिक्षणार्थियों के आनलाइन ऋण आवेदन भी भरवाए जाएंगे।