फौज से लौटकर बांट रहे रोजगार की 'खुराक'

मुरादाबादजासं देश की सरहदों की हिफाजत करने वाले फौजियों की सेहत का ख्याल रखने वाले प्रश्

By JagranEdited By: Publish:Sun, 24 Jan 2021 05:10 PM (IST) Updated:Sun, 24 Jan 2021 05:10 PM (IST)
फौज से लौटकर बांट रहे रोजगार की 'खुराक'
फौज से लौटकर बांट रहे रोजगार की 'खुराक'

मुरादाबाद,जासं: देश की सरहदों की हिफाजत करने वाले फौजियों की सेहत का ख्याल रखने वाले प्रशांत सिंह इन दिनों दिनों रोजगार खुराक बांटकर लोगों के चेहरे पर मुस्कान बिखेर रहे हैं। एक दो नहीं, गांव के 114 लोगों को चार महीने तक काम दिया। हां, इसके लिए प्रशांत पहले खुद आत्मनिर्भर बने। लॉकडाउन में शानदार अवसर खोजा। मशरूम की खेती शुरू की और 80 हजार रुपये महीने कमा रहे हैं।

फौजी प्रशांत सिंह बिलारी के नरूखेड़ा गांव निवासी हैं। इंडियन आर्मी की मेडिकल कोर में उन्होंने 17 साल फौजियों का दर्द बांटा। 31 जुलाई 2019 को सेवानिवृत्त होकर अपने गांव लौट आए। उनके पिता चौधरी थान सिंह सहायक विकास अधिकारी के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। पिता ने नया आवास बिलारी की साहू कुंज कॉलोनी में बना लिया लेकिन, प्रशांत का मन गांव में ही रमा। चूंकि, उन्होंने एग्रीकल्चर विषय से ही इंटरमीडिएट किया था लेकिन, बीकॉम करने के बाद आर्मी में नौकरी मिल गई थी। हालांकि, खेती से मोह उनका कभी नहीं छूटा। यही वजह है, सेवानिवृत्त होने के बाद प्रशांत ने खेती शुरू करने का फैसला किया। लॉकडाउन में गांव के लोगों को रोजगार देने की ठानी। इसके लिए अपने घर में ही मशरूम की खेती करने के लिए दो शेड तैयार किए, जिनमें चार महीने के भीतर 70 क्विटल मशरूम तैयार करके बाजार में सप्लाई की। मशरूम तैयार करने के लिए उन्होंने हर महीने 36 लोगों को रोजगार दिया। एक क्विंटल मशरूम की लागत- 4500-5000 रुपये

मंडी में मशरूम की प्रति क्विंटल बिक्री-10000-15000 रुपये

70 क्विटल मशरूम की कीमत लगभग-7 से 8 लाख रुपये

चार महीने में मशरूम तैयार होने का खर्च- 4 लाख रुपये

चार महीने में मशरूम से होने वाला लाभ-3 से साढ़े तीन लाख

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