ई-कुंजी खोलेगी विवेचकों की 'अक्ल का ताला'

मुरादाबाद विवेचकों के लिए राहत भरी खबर है। डा. भीमराव आंबेडकर पुलिस अकादमी उनके ि

By JagranEdited By: Publish:Thu, 29 Oct 2020 03:05 AM (IST) Updated:Thu, 29 Oct 2020 03:05 AM (IST)
ई-कुंजी खोलेगी विवेचकों की 'अक्ल का ताला'
ई-कुंजी खोलेगी विवेचकों की 'अक्ल का ताला'

मुरादाबाद: विवेचकों के लिए राहत भरी खबर है। डा. भीमराव आंबेडकर पुलिस अकादमी उनके लिए ई-कुंजी ईजाद करने में जुटी है। यह उनके लिए काफी मददगार होगी जो क्राइम सीन पर असमंजस के शिकार हो जाते हैं। ई-कुंजी की मदद से दारोगा न सिर्फ मुकदमे की त्वरित विवेचना कर सकेंगे, बल्कि इसकी गुणवत्ता में भी वृद्धि होगी। 15 दिनों के भीतर ई-कुंजी रिलीज करने की योजना है। पुलिस अकादमी के अनूठे प्रयास से यूपी में कानून को नई धार मिलने की उम्मीद है।

तय समय के भीतर मुकदमे की गुणवत्तापूर्ण विवेचना यूपी पुलिस के लिए बड़ी चुनौती रही है। यही वजह है कि मुंबई व दिल्ली पुलिस के सापेक्ष यूपी पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठते रहे हैं। ऐसे विषम हालात से यूपी पुलिस को निजात दिलाने की कवायद के तहत डा. भीमराव आंबेडकर पुलिस अकादमी ने यह कार्ययोजना तैयार की है। आपराधिक घटनाओं की प्रकृति के अनुसार मुकदमे की विवेचना को सही दिशा देने का खाका खींचा गया है। हत्या, लूट, डकैती, चोरी, नकबजनी, भ्रष्टाचार, धोखाधड़ी, अमानत में खयानत, दुष्कर्म, बाल अपराध आदि से संबंधित घटनाओं की विवेचना शुरू करने वाले विवेचक का मार्गदर्शन वीडियो की मदद से गुरुकुल द्वारा करने की योजना है। सेवानिवृत्त सीओ बीके सिंह कहते हैं कि इसमें कोई दो राय नहीं कि घटनास्थल पर पहुंचते ही अधिकांश विवेचक हालात व परिस्थिति के कारण भटकाव के शिकार हो जाते हैं। जबकि मुंबई व दिल्ली पुलिस साक्ष्य सकंलन में वैज्ञानिक विधि का इस्तेमाल करती है। एक अच्छे विवेचक को घटनास्थल पर पहुंचने से पहले कार्ययोजना तैयार करनी होती है। अफसोस कि करीब 60 फीसद विवेचक बगैर कार्ययोजना मौके पर पहुंचते हैं। हालांकि प्रशिक्षण में विवेचक को यह बातें बताई जाती हैं। एक विवेचक के कंधे पर भौतिक साक्ष्य संकलन व गवाह तलाशने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी होती है। वीडियो की मदद से विवेचकों की मदद करने की पुलिस अकादमी की योजना कारगर साबित होगी।

यू ट्यूब पर उपलब्ध होगा वीडियो

डा. भीमराव आंबेडकर पुलिस अकादमी विवेचकों की मदद के लिए जो वीडियो बना रही है, वह यू-ट्यूब पर उपलब्ध होगा। इसका गोपनीय लिक पुलिस अकादमी द्वारा शासन के जरिए जिला पुलिस से साझा किया जाएगा। विवेचना के दायित्व का सफलता पूर्वक निर्वहन करने के लिए पुलिस अकादमी ने वीडियो तैयार करने की योजना बनाई है। विषय विशेषज्ञों की मदद से वीडियो तैयार करने की योजना है। 15 दिन के भीतर पहला वीडियो पुलिस अकादमी द्वारा जारी कर दिया जाएगा, जो अलग-अलग प्रवृत्ति के अपराधों की विवेचना कर रहे विवेचकों के लिए मददगार होगा।

- राजीव कृष्ण, निदेशक, डा. भीमराव आंबेडकर पुलिस अकादमी, मुरादाबाद

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