Lockdown:लॉकडाउन के चलते गांवों में दो दिन में ही खाली हो गईं परचून की दुकानें Rampur News

अधिक मूल्य लेने वालों पर होगी कार्रवाई। आसपास के लोगों को उठानी पड़ रही है परेशानी। कई जगहों से कालाबाजारी होने की भी शिकायतें पाई गई है।

By Ravi SinghEdited By: Publish:Mon, 30 Mar 2020 12:05 PM (IST) Updated:Mon, 30 Mar 2020 12:05 PM (IST)
Lockdown:लॉकडाउन के चलते गांवों में दो दिन में ही खाली हो गईं परचून की दुकानें Rampur News
Lockdown:लॉकडाउन के चलते गांवों में दो दिन में ही खाली हो गईं परचून की दुकानें Rampur News

रामपुर,जेएनएन। गांव में लॉकडाउन की घोषणा होते ही गांव में आपाधापी में लोगों ने ज्यादा सामान खरीद लिया। इससे कई दुकानों पर तो आटा और नमक भी नहीं मिल पा रहा है, जबकि प्रशासन द्वारा शहर और कस्बों में राशन और सब्जियों की व्यवस्था कराई जा रही है, लेकिन यह व्यवस्था अभी गांव तक लागू नहीं हो सकी है। ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जनपद में 14 अप्रैल तक लॉकडाउन है। लोग घरों में कैद हैं। रोजमर्रा के लिए जरूरी सामग्री जुटाना मुश्किल हो रहा है। गांव में छोटी-छोटी परचूनी की दुकानें होती हैं। वे भी एक दिन छोड़कर स्वार व जिला मुख्यालय से सामान लाकर बेचते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा रात के आठ बजे 21 दिन के लॉकडाउन की घोषणा करते ही लोगों में हड़कंप मच गया। बंद की घोषणा होते ही लोगों ने बाजारों और दुकानों की ओर दौड़ लगाई। देखते ही देखते बाजार में भीड़ लग गई। दुकानों पर जो सामान था, वह हाथों हाथ बिक गया। कई लोगों ने मौके का फायदा भी खूब उठाया। दुकानदारों का सामान जितनी जल्दी बिका, उतनी जल्दी आपूर्ति नहीं मिल सकी। इसके चलते दुकानें दो दिन में ही खाली हो गईं। दुकानों पर आटा, चावल, सरसों का तेल एवं दालें आदि खत्म हो चली हैं। जिनके पास थोड़ा-बहुत सामान है, वे उसे ऊंचे दामों पर बेचकर मौके का फायदा उठा रहे हैं। आटा बनाने वाली चक्की बंद हैं। इसलिए गांव से लेकर शहर में आटे के लाले हैं। थोड़ा बहुत राशन मिला तो दाम आसमान पर पहुंच गए हैं। पहले जो 50 किलो आटे का कट्टा 1,200 रुपये में मिल रहा था, वह 1,600 रुपये में भी हाथ नहीं आ रहा है। दुकानों से चावल गायब है। चीनी और दाल के दाम बढ़ गए हैं। सरसों तेल जो पहले सौ रुपये किलो मिल रहा था, लॉकडाउन के चलते उसकी एमआरपी बढ़कर 150 रुपये किलो अंकित हो गई है। लोगों की जेब भी खाली हो चली हैं। इन सबके चलते लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। कई लोगों के घर फांके की नौबत आ चली है। प्रशासन आपूर्ति के दावे तो कर रहा है, लेकिन हकीकत से कोसों दूर है। स्वार के दुकानदार हरीश कुमार का कहना है जो सामान था बिक गया। आगे पहले तो मिल नहीं रहा है और जो मिल रहा है उसके दाम बढ़े हुए हैं। रुस्तमनगर की हुमा का कहना है कि जो समान दुकान में था वह बिक गया। आगे मिल नहीं पा रहा है।उपजिलाधिकारी राकेश कुमार गुप्ता का कहना है कि राशन की दुकानों पर सामान की कमी नहीं होने दी जाएगी। राशन को अधिक मूल्य पर बेचने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। 

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