मुरादाबाद की गली-गली में बिक रही नशे की पुड़िया, इन राज्यों से चरस-गांजा लाकर युवाओं किया जा रहा बर्बाद

Drugs Sold in Streets of Moradabad देश के युवाओं को स्वस्थ रखने के लिए सरकार फिट इंडिया जैसे अभियान चला रही है। नशामुक्ति अभियान के तहत अनेक कार्यक्रम कर युवाओं को नशे से दूर रखने के प्रयास होते हैं।नशे का जाल युवाओं को अपनी गिरफ्त में ले रहा है।

By Samanvay PandeyEdited By: Publish:Mon, 27 Sep 2021 04:40 PM (IST) Updated:Mon, 27 Sep 2021 04:40 PM (IST)
मुरादाबाद की गली-गली में बिक रही नशे की पुड़िया, इन राज्यों से चरस-गांजा लाकर युवाओं किया जा रहा बर्बाद
चरस, गांजा के साथ स्मैक के साथ कच्ची शराब की बिक्री पर नहीं लग रही रोक

मुरादाबाद, (रितेश द्विवेदी)। Drugs Sold in Streets of Moradabad : देश के युवाओं को स्वस्थ रखने के लिए सरकार फिट इंडिया जैसे अभियान चला रही है। नशामुक्ति अभियान के तहत अनेक कार्यक्रम कर युवाओं को नशे से दूर रखने के प्रयास होते हैं। इसके बावजूद नशे का जाल युवाओं को अपनी गिरफ्त में ले रहा है। नशे काला कारोबार करने वालों पर सख्त कार्रवाई नहीं होने के कारण नशीले पदार्थ खुलेआम बिक रहे हैं। शहर से लेकर गांव तक अवैध नशे का कारोबार फैल चुका है।

पुलिस अफसरों के लाख दावों के बाद भी नशे का सामान शहर तक पहुंचता है और गलियों में खुलेआम बिक रहा है। शाम होते ही शहर की कुछ खास बस्तियों में महफिल सजने लगती हैं। नशे के खिलाफ दैनिक जागरण भी आवाज उठाएगा। जागरूकता के साथ इस अभियान में पुलिस और प्रशासन को कार्रवाई कर इस सामाजिक बुराई को दूर करने के लिए जागृत करेगा। पुलिस आए दिन छापेमारी की कार्रवाई करके छोटे नशेबाजों को पकड़कर जेल भेजकर खानापूर्ति की कार्रवाई करती है, जबकि यह नशे का कारोबार कैसे फल-फूल रहा है, उनके खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

पुलिस के पास ऐसे मामलों में कार्रवाई को लेकर कोई खास योजना नहीं है। इसी कारण यह बेखौफ किया जा रहा है। गांजा,चरस और स्मैक की लत 14 वर्ष तक के किशोरों को लग गई है। स्टेशन के आस-पास घूमने वाले कई किशोर ऐसे मिल जाएंगे,जो खुलेआम स्मैक पीते हुए दिखाई देते हैं। हालांकि पुलिस जब इन पर कार्रवाई करने का प्रयास करती है,तो यह लोग खुद को घायल करके पुलिस से बचने का प्रयास करते हैं। कई बार ऐसे मामले सामने आए,जब पुलिस ने इन नशेबाजों को पकड़ने किया तो इन लोगों ने ब्लेड से अपने हांथ की नश काटकर खुद को बचाने का प्रयास किया। कई बार हवालात में जाकर यह लोग स्वयं खुद पर हमला कर लेते हैं,जिसके कारण पुलिस भी इनको पकड़ने से कतराती है।

50 से सौ रुपये में बिक रही पुड़िया : गांजा, स्मैक के साथ अन्य नशीले पदार्थ खरीदने के लिए नशेबाजों को ज्यादा भटकने की जरूरत नहीं होती है। इनकी बिक्री बड़े आराम से सड़क के किनारे रखे खोखों से हो रही है। 50 रुपये से लेकर सौ रुपये तक एक पुड़िया बेच दी जाती है। वहीं कुछ बस्तियों में नशे का कारोबार करने वाले लोगों ने अस्थायी ठिकाने लगा रहे हैं। नशे को बेचने के लिए स्थान के आधार पर दिन भी निर्धारित कर रखे गए हैं। अवैध नशे के कारोबार से जुड़े लोग इतने शातिर हैं, कि यह लोग फोन का प्रयोग नहीं करते हैं। नशे आदी पुड़िया बेचने वाले को खोजते हुए आसानी से पहुंच जाते हैं।

पुलिस की कमजोर रहती है कार्रवाई : चरस और स्मैक का नशा करने वाले माफिया को खोजने में पुलिस नाकाम रहती है। वहीं, किसी भी विवाद से बचने के लिए इन नशेबाजों को पुलिस गिरफ्तार करने की कार्रवाई से भी बचती है। पुलिस को डर रहता है कि नशेबाजों को पकड़कर कुछ देर थाने या चौकी में रखा,और उसने खुद पर ही हमला कर लिया तो इसके बाद जवाब कौन देगा। इस डर की वजह से पुलिस इनको पकड़ने से कतराती रहती है।

इन थाना क्षेत्रों में चोरी-छिपे काराेबार : शहर में सबसे ज्यादा कारोबार छोटी बस्तियों में चोरी-छिपे किया जा रहा है। जिसमें मझोला थाना क्षेत्र का लाइनपार इलाका गढ़ बन गया है। रेलवे पटरी के किनारे झाड़ियों में छिपकर किशोर और युवा इस नशे को करते हुए दिखाई पड़ जाएंगे। इसके साथ ही कटघर,नागफनी, मुगलपुरा, सिविल लाइंस थाना क्षेत्र के बंगला गांव, आदर्श कालोनी में यह कारोबार खुलेआम हो रहा है।

महिलाएं, दिव्यांग और वृद्ध बेच रहे पुड़िया : पुलिस से बचने के लिए इस कारोबार में महिलाओं को आगे रखा गया है। कुछ क्षेत्रों में महिलाएं घर से ही इस काम को बड़े आराम से कर रही है। जबकि, दिव्यांगों की ट्राई साइकिल में रखकर भी स्मैक बेचने का काम किया जा रहा है। इसके साथ ही वृद्ध दुकानों में बैठकर व छोटे बच्चों को पैसे का लालच देकर नशे के कारोबार का जरिया बनाया जा रहा है। अवैध नशे के कारोबारी जानबूझ कर इन लोगों से पुड़िया बिकवाने का काम करवा रहे हैं, ताकि पुलिस की नजरों से बचे रहे।

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