Drug Business in Moradabad : मुरादाबाद में कोड से चल रहा नशे का कारोबार, बिना कोड बताए तस्कर नहीं देता नशे का सामान

Drug Business in Moradabad मुरादाबाद शहर के शिक्षण संस्थानों के आस-पास नशे का कारोबार बहुत तेजी से फैल रहा है। पुलिस प्रशासन इसकी रोकथाम के लिए प्रयास तो कर रही है लेकिन कोई बड़ी सफलता नहीं मिल रही है।

By Samanvay PandeyEdited By: Publish:Tue, 28 Sep 2021 01:23 PM (IST) Updated:Tue, 28 Sep 2021 01:23 PM (IST)
Drug Business in Moradabad : मुरादाबाद में कोड से चल रहा नशे का कारोबार, बिना कोड बताए तस्कर नहीं देता नशे का सामान
फोन करने पर मादक पदार्थों को मंगाने के लिए दिया विशेष नाम

मुरादाबाद, जेएनएन। Drug Business in Moradabad :  मुरादाबाद शहर के शिक्षण संस्थानों के आस-पास नशे का कारोबार बहुत तेजी से फैल रहा है। पुलिस प्रशासन इसकी रोकथाम के लिए प्रयास तो कर रही है लेकिन कोई बड़ी सफलता नहीं मिल रही है। पुलिस बस कुछ एक छोटे तस्करों को पकड़कर वाह वाही लूट लेती है, लेकिन असल कारोबार तो चलता रहता है। एक तस्कर कम हुआ तो चार नए आ जाते हैं। नशे का सामान कौन बेच रहा है, किस दुकान पर मिल रहा है यह जानकारी पुलिस के पास बहुत बाद में पहुंचती है। उससे पहले इनके संपर्क में ग्राहक आकर खरीददारी शुरू कर देता है। दरअसल, नशे का ये कारोबार तस्करों और माफिया ने कोड पर आधारित कर रखा है। पूरा धंधा कोड पर चलता है। कोड सही हुआ तो माल मिल गया, कोड गलत होने पर माल तो नहीं मिलेगा, लेकिन जान आफत में जरूर फंस जाएगी।

शिक्षण संस्थानों के आस-पास छोटी-छोटी दुकानों में बैठकर तस्करी के काम में लगे हैं। तस्करों ने नशे का सामान बेचने के लिए कोड नेम रखा है। जैसे ही कोड नेम के साथ सामान मांगा जाता है,वैसे ही तस्कर उन्हें पुड़िया पकड़ा देता है। पाकबड़ा में शिक्षण संस्थानों के आस-पास इस काम को अंजाम दिया जा रहा है। यहां पर किशोर गांजा के पुड़िया लेने के लिए गोल्ड के नाम बुलाते है। वहीं डोडा पाउडर के लिए चूरन व सुल्फा के लिए दम की पुड़िया मांगते हैं। जो कोड नेम जानता है, उन्हें नशे का सामान आसानी से मिल जाता है। लेकिन अगर बिना कोड नेम से कोई इन तस्करों से नशे की पुड़िया मांगने के लिए जाता है,तो उन्हें वह नहीं मिलता है। मौजूदा समय में नशे की जद में सबसे ज्यादा शिक्षण संस्थानों के छात्र और छात्राएं आ रही हैं। दिल्ली-मुरादाबाद हाईवे के किनारे बनी दुकानों और ढाबों से इस काम को अंजाम दिया जा रहा है। वहीं गांजा,स्मैक,चरस के साथ ही डोडा पाउडर बेचने का काम महिलाएं और उनके बच्चे भी कर रहे हैं।

आठ माह में पुलिस ने जिले में 75 किलो पकड़ा गांजाः पुलिस विभाग अवैध नशे के कारोबार को रोकने के लिए छापेमारी अभियान चलाती है। बीते जनवरी से अगस्त माह तक जनपद के 20 थाना क्षेत्रों में 75 किलो गांजा पकड़ने के लिए कार्रवाई की गई। जिले में गांजे की सप्लाई उत्तराखंड के जिलों से की जा रही है। चोरी-छिपे सब्जी और फलों के वाहनों में गांजे को लाने का काम शहर में किया जा रहा है। वहीं पुलिस जिन मामलों की सटीक सूचना मिल जाती है,उन्ही मामलों में कार्रवाई करती है।

जिले के 20 थानों में 99 मुकदमे दर्जः पुलिस ने बीते आठ माह में जिले के 20 थानों में मादक पदार्थों के पकड़े जाने के बाद मामले में कुल 99 मुकदमें दर्ज किए हैं। इसके साथ ही इन मुकदमों में 102 लोगों को जेल भेजने की कार्रवाई की है। इस कार्रवाई के बाद भी नशे के कारोबार रुकने का नाम नहीं ले रहा है। पुलिस अफसरों ने दावा है कि इस मामले में अब विशेष टीम को लगाया है। जो इनके सरगनाओं को पकड़ने की कार्रवाई करेगी।

आठ माह में पुलिस के द्वारा की गई कार्रवाई

गांजा 75 किलो

चरस 6.50 किलो

डोडा पाउडर 11 किलो

नशीली गोलियां 750 ग्राम

नोट: एक जनवरी 2021 से 31 अगस्त 2021 तक की गई कार्रवाई।

क्या कहते हैं अधिकारीः एसएसपी मुरादाबाद बबलू कुमार ने बताया कि नशे के अवैध काले कारोबार को रोकने के लिए थाना स्तर पर विशेष टीम गठित करने के निर्देश दिए गए है। सादा वर्दी में पुलिस संदिग्ध ठिकानों के बारे में जानकारी करने के साथ ही छापेमारी की कार्रवाई करेगी। इस कार्य में लगे मुख्य सरगना को पकड़ने का प्रयास किया जा रहा है। ताकि इस अवैध काले कारोबार करने वालों पर कड़ी कार्रवाई हो सके।

chat bot
आपका साथी