न बरतें लापरवाही, समय से पहचान होने पर कैंसर का इलाज होगा आसान Moradabad News
डॉ. सत्यवीर सिंह चौहान ने बताया कि कैंसर का इलाज नामुमकिन नहीं है।प्रथम और दूसरी स्टेज में पता चल जाए तो उसे पूरी तरह खत्म किया जा सकता है।
मुरादाबाद, जेएनएन। आइएमए मुरादाबाद की वार्षिक सीएमई मेडिक्वेस्ट 2020 कांठ रोड स्थित होटल ग्रांड विलेज में हुई। शुभारंभ आइएमए प्रार्थना से किया गया। मेरठ वैलेंटिस कैंसर अस्पताल के डॉ. सत्यवीर सिंह चौहान ने इलाज के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि कैंसर का इलाज नामुमकिन नहीं है। प्रथम और दूसरी स्टेज में पता चल जाए तो उसे पूरी तरह खत्म किया जा सकता है। सर्वाइकल कैंसर के मामले भी बहुत देखने को मिल रहे हैं। शरीर में किसी तरह का बदलाव हो तो फौरन महिला रोग विशेषज्ञ से संपर्क करें। डॉ. बीएल कपूर, डॉ. सुनील प्रकाश ने पेशाब की दिक्कतों के बारे में बताया। डॉ. सिद्धार्थ मेहरोत्रा ने गैस्ट्रो इंटेस्टाइनल सर्जरी की जानकारी दी। डॉ. विवेका कुमार ने वेल्वुलर हार्ट डिजीज, डॉ. विनिता दिवाकर ने गर्भावस्था में होने वाले पीलिया के बारे में बताया। सिद्ध अस्पताल की डॉ. आशिमा मेहरोत्रा, डॉ. गैसू मेहरोत्रा ने बेसिक मैकेनिकल वेंटिलेशन की जानकारी दी।
संयोजक डॉ. मोहित टंडन ने अतिथियों का स्वागत किया। सचिव डॉ. गिरजेश केन ने वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की। आइएमए सोविनर का विमोचन किया गया। मुख्य अतिथि सीएमओ डॉ. एमसी गर्ग रहे। अध्यक्षता आइएमए अध्यक्ष डॉ. अजय अरोरा संचालन डॉ. मनोज सक्सेना, डॉ. शलभ अग्रवाल, डॉ. प्रिय सुमन रस्तोगी, डॉ. मुहम्मद असद खां ने किया। इसमें डॉ. नीरज गुप्ता, डॉ. बबिता गुप्ता, डॉ. यूसी रस्तोगी, डॉ. एके सिंह, डॉ. एसके सिंघल, डॉ. बीके दत्त, डॉ. रवि गंगल, डॉ. विराग श्रीवास्तव, डॉ. ज्योत्सना श्रीवास्तव रहीं।
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साठ की उम्र के बाद भूलने की बीमारी डिमेंशिया नहीं
केजीएमयू लखनऊ के डॉ. श्रीकांत श्रीवास्तव ने बताया कि 60 साल की उम्र में भूलने की आदत डिमेंशिया नहीं होती। कई बार इस उम्र के लोगों को डिप्रेशन, विटामिन बी-12 की कमी की वजह से भी ये दिक्कत हो जाती है। कई बार छाती और पेशाब में इंफेक्शन होने की वजह से भी ये दिक्कत होती है। इसलिए 60 साल की उम्र होने पर अगर भूलने की आदत पड़ जाती है तो फौरन मानसिक रोग विशेषज्ञ को दिखाएं।
अनहोनी व तनाव भी हार्ट अटैक की वजह
हृदय रोग सर्जरी विशेषज्ञ डॉ. रित्विक राज भूयान ने बताया कि खराब जीवनशैली की वजह से दिल की बीमारियां बढ़ रही हैं। इसमें सबसे ज्यादा वो लोग चपेट में आ रहे हैं जो कार्बोहाइडे्रट 200 ग्राम से ज्यादा लेते हैं। डायबिटीज के मरीजों की संख्या भी व्यायाम नहीं करने की वजह से बढ़ रही है। इसके साथ ही अनहोनी व तनाव से भी युवा दिल की बीमारी का शिकार हो रहे हैं। इसलिए तनाव को दूर रखें और नियमित एक्सरसाइज करें।
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मोटापा है तो कराएं लिवर परीक्षण
लिवर विशेषज्ञ डॉ. अमित रस्तोगी ने बताया कि हेेेपेटाइटिस-बी, सी क्रोनिक लिवर डिजीज है। इंजेक्शन और ब्लड की वजह से ये दिक्कत होती है। हेपेटाइटिस-ए, ई पानी और दूषित खाने की वजह से होता है। 90 फीसद मेडिकल ट्रीटमेंट से इसको ठीक किया जा सकता है। जो लोग 15 साल से शराब का सेवन कर रहे हैं। उन्हें लिवर सिरोसिस की समस्या हो जाती है। इसके बाद पीलिया, पेट में पानी, भूख नहीं लगना, वजन कम होना, मुंह से खून आना, पेशाब कम होना, गफलत होना आदि दिक्कतें होने लगती हैं। छह माह में एक बार लिवर परीक्षण जरूर करा लें।
फैटी लिवर से बचाव
- मोटापा कम करें
- जंक फूड बंद कर दें
- शराब का सेवन न करें
- हेल्दी फूड खाएं
- डायबिटीज कंट्रोल करें
- हेपेटाइटिस-बी वैक्सीन लगवाएं
- देसी नुस्खों से इलाज न करें
- नियमित एक्सरसाइज करें