Yog Guru : स्वस्थ रहने के लिए रोज करें मयूरासन, आइये जानते हैं इस आसन को करने की विधि

Yog Guru फर्श पर घुटनों के बल बैठ जाइये। दोनों हाथों को कोहनी से कलाई तक मिलाकर फर्शपर हथेली के बल इस प्रकार उलटे रखिये कि कोहनियों नाभि के नीचे के भाग पर रहें। अंगुलियां पैरों की दिशा में रखें।

By Samanvay PandeyEdited By: Publish:Mon, 25 Jan 2021 09:25 AM (IST) Updated:Mon, 25 Jan 2021 09:25 AM (IST)
Yog Guru : स्वस्थ रहने के लिए रोज करें मयूरासन, आइये जानते हैं इस आसन को करने की विधि
हाथों के उक्त रूप ग्रहण कर लेने पर पैरों को पास-पास रखते हुए पीछे फैला दीजिये।

मुरादाबाद, जेएनएन : भागदौड़ भरी जिंदगी में खुद के लिए समय निकालना जरूरी है। प्रतिदिन मयूरासन करने से वस्तिदेशीय धमनी का प्रवाह रुककर पाचनांगों की ओर होने लगता है, जिसके कारण उन्हें अधिक मात्रा में रक्त की प्राप्ति होती है। वे स्वस्थ रहते हैं। उदर के भीतरी अंगों की शक्ति बढ़ती है। अगर अग्निमांध बहुत बढ़ गया है तो विशेष लाभदायक साबित नहीं होगा। योग प्रशिक्षक डॉ. महजबीं परवीन ने बताया कि फर्श पर घुटनों के बल बैठ जाइये। दोनों हाथों को कोहनी से कलाई तक मिलाकर फर्शपर हथेली के बल इस प्रकार उलटे रखिये कि कोहनियों नाभि के नीचे के भाग पर रहें। अंगुलियां पैरों की दिशा में रखें। अभिप्राय यह है कि हाथों को इस प्रकार रखिए कि आगे चलकर शरीर की पड़ी हुई अवस्था ग्रहण करते समय वह पैरों का काम देने वाले हाथों पर टंगा रहे। मयूर के पैरों और आपके हाथ में अंतर ये होगा कि पैरों के पंजे आगे की ओर रहते हैं। हाथ के पंजे पीछे की ओर रहेंगे। पंजों को इस रूप में रखने का कारण ये है कि इससे शरीर का भार संभालने और संतुलन बनाए रखने में सहूलियत होती है। हाथों के उक्त रूप ग्रहण कर लेने पर पैरों को पास-पास रखते हुए पीछे फैला दीजिये। सिर नीचे की ओर झुकाकर पैरों को फर्श से इस कदर ऊपर उठाइये कि आपका पूरा शरीर फर्श के समानांतर हो जाए। कलाई के ऊपर का भाग फर्श पर लंब के रूप में रहकर कुछ आगे की ओर बढ़ा रहेगा। यही इस आसन की पूर्ण अवस्था है।

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