ज‍िंंदा होने के बावजूद शवगृह में पड़ा रहा कर्मचारी, न‍िजी अस्‍पताल ने भेजी र‍िपोर्ट, कहा-नहीं चल रही थी नब्‍ज

Told dead to Alive Patient सात घंटे शवगृह में रखे होने के बाद भी श्रीकेश की सांसें चलती रहीं। इमरजेंसी में उपचार के बाद उन्हें मेरठ मेडिकल कालेज भेज दिया गया था। हालांकि डाक्टरों की टीम इसे सस्पेंडेंट एनिमेशन बताया। कहा कि इस तरह की घटनाएं बहुत कम होती हैं।

By Narendra KumarEdited By: Publish:Wed, 01 Dec 2021 12:50 PM (IST) Updated:Wed, 01 Dec 2021 12:50 PM (IST)
ज‍िंंदा होने के बावजूद शवगृह में पड़ा रहा कर्मचारी, न‍िजी अस्‍पताल ने भेजी र‍िपोर्ट, कहा-नहीं चल रही थी नब्‍ज
जिला अस्पताल के लिए कर्मचारी को रेफर कर दिया गया था।

मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। Told dead to Alive Patient : नगर निगम कर्मचारी श्रीकेश की मौत के मामले में विवेकानंद अस्पताल ने अपनी रिपोर्ट जिला अस्पताल को भेज दी है। लेकिन, इस रिपोर्ट में कहीं भी ये बात दर्ज नहीं की गई कि इमरजेंसी में ईसीजी निकाली गई थी। आंखों की पुतलियां फैलने के साथ ही नब्ज गायब होने की जानकारी दी गई है। इसी, आधार पर जिला अस्पताल के लिए कर्मचारी को रेफर कर दिया गया था।

श्रीकेश के भाई सत्यानंद गौतम ने इमरजेंसी में बताया था कि विवेकानंद अस्पताल वालों ने भाई को मृत घोषित कर दिया है। सरकारी कर्मचारी होने की वजह से पोस्टमार्टम करवाना है। इतना सुनने के बाद 19 नवंबर की रात 3:00 बजे जिला अस्पताल के आपातकालीन चिकित्सक ने भी बिना जांच पड़ताल किए ही श्रीकेश को शवगृह पहुंचवा दिया। सात घंटे शवगृह में रखे होने के बाद भी श्रीकेश की सांसें चलती रहीं। इमरजेंसी में उपचार के बाद उन्हें मेरठ मेडिकल कालेज भेज दिया गया था। हालांकि, डाक्टरों की टीम इसे सस्पेंडेंट एनिमेशन बताया। कहा कि इस तरह की घटनाएं बहुत कम होती हैं। मृत होने के पूरे साइन मरीज में मिलते हैं। लेकिन, उसकी धड़कन चलती रहती है। बहरहाल अब देखने वाली बात यह है कि लापरवाही का ठीकरा अब सरकारी चिकित्सक पर फोड़ दिया गया है। विवेकानंद अस्पताल के डाक्टराें ने ईसीजी रिपोर्ट को भी नकार दिया है।

ये था घटनाक्रम : शुक्रवार 19 नवंबर को मुरादाबाद जिला अस्पताल के शवगृह में नगर निगम कर्मचारी श्रीकेश सात घंटे तक पड़े रहे। आपातकालीन कक्ष चिकित्सक ने मृत घोषित कर दिया। जिंदा होने की जानकारी मिलने पर उन्हें तत्काल आपातकालीन कक्ष में लाकर उपचार शुरू किया गया। इसकेे बाद मेरठ मेडिकल कालेज में रेफर कर दिया गया था। 24 नवंबर की रात साढ़े छह बजे डाक्टरों की टीम ने श्रीकेश को मृत घोषित कर दिया था।

विवेकानंद अस्पताल ने अधूरी जानकारी दी है। श्रीकेश के स्‍वजन के सामने ईसीजी रिपोर्ट निकाली गई थी। उनके द्वारा यही जानकारी हमें दी गई थी। अब दी गई रिपोर्ट में ईसीजी का कोई जिक्र नहीं किया गया है।

डाॅ. राजेंद्र कुमार, चिकित्सा अधीक्षक जिला अस्पताल

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