जीव‍ित होने के बावजूद सात घंटे तक शवगृह में पड़ा था श्रीकेश, मामले में दो अस्पतालों ने भेजी रिपोर्ट

Told dead to Alive Patient ब्राइट स्टार अस्पताल और टीएमयू ने भर्ती करने से लेकर क्या-क्या उपचार दिया गया आदि की जानकारी के साथ जवाब दिया है। इन दोनों अस्पतालों ने घायल को मृत घोषित नहीं किया था।

By Narendra KumarEdited By: Publish:Sat, 27 Nov 2021 10:36 AM (IST) Updated:Sat, 27 Nov 2021 10:36 AM (IST)
जीव‍ित होने के बावजूद सात घंटे तक शवगृह में पड़ा था श्रीकेश, मामले में दो अस्पतालों ने भेजी रिपोर्ट
दो अस्पतालों ने रिपोर्ट बनाकर जिला अस्पताल कार्यालय को भेजी।

मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। Told dead to Alive Patient : जिंदा इंसान को मृत घोषित करने के मामले में स्वास्थ्य विभाग द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब सिर्फ दो ही अस्पतालों ने दिए हैं। ब्राइट स्टार अस्पताल और टीएमयू ने भर्ती करने से लेकर क्या-क्या उपचार दिया गया आदि की जानकारी के साथ जवाब दिया है। इन दोनों अस्पतालों ने घायल को मृत घोषित नहीं किया था। विवेकानंद और साईं अस्पताल की रिपोर्ट का मेडिकल बोर्ड को इंतजार है।

19 नवंबर की रात तीन बजे से सुबह 10:30 बजे तक बिना उपचार के शवगृह में नगर निगम कर्मचारी श्रीकेश पड़ा रहा। उसे समय से उपचार मिल जाता तो शायद दिमाग में खून के थक्के नहीं जमते और वह अपने परिवार के साथ होता। लेकिन, निजी और सरकारी लापरवाहियों की भेंट चढ़े श्रीकेश की मौत मेरठ मेडिकल कालेज में हो गई। इसके बाद भी कोई मेडिकल बोर्ड को जवाब देने को तैयार नहीं है। आठ दिन बीत जाने के बाद भी सिर्फ दो ही अस्पतालों ने जिला अस्पताल कार्यालय को जानकारी उपलब्ध कराई है। श्रीकेश को किस समय अस्पताल लाया गया था और क्या उपचार दिया गया। स्थिति नाजुक होने पर फौरन ही रेफर कर दिया गया था। विवेकानंद अस्पताल ने मृत घोषित करने से पहले श्रीकेश की ईसीजी भी की थी। पूरी जांच उसी ईसीजी पर टिकी है। मेडिकल बोर्ड के डाक्टर उस ईसीजी और अपने यहां आपातकालीन चिकित्सक डाॅ. मनोज यादव की बातों का मिलान करेंगे। इसके बाद ही स्थिति साफ हो पाएगी कि श्रीकेश की उस समय क्या स्थिति रही होगी।

ये था घटनाक्रम : शुक्रवार 19 नवंबर को मुरादाबाद जिला अस्पताल के शवगृह में नगर निगम कर्मचारी श्रीकेश सात घंटे तक पड़ा रहा। आपातकालीन कक्ष चिकित्सक ने मृत घोषित कर दिया था। जिंदा होने की जानकारी मिलने पर उन्हें तत्काल आपातकालीन कक्ष में लाकर उपचार शुरू किया गया। इसकेे बाद मेरठ मेडिकल कालेज में रेफर कर दिया गया था। 24 नवंबर की रात साढ़े छह बजे डाक्टरों की टीम ने श्रीकेश को मृत घोषित कर दिया था।

नगर निगम कर्मचारी श्रीकेश के मामले में अभी सिर्फ टीएमयू और ब्राइट स्टार अस्पताल ने ही जानकारी उपलब्ध कराई है। दो अस्पतालों से जवाब आना बाकी है। आज अगर कोई जवाब नहीं मिलता है तो रिमाइंडर पत्र भेजा जाएगा। इसकी जानकारी सीएमओ कार्यालय को भी दी जाएगी।

डाॅ. राजेंद्र कुमार, चिकित्सा अधीक्षक जिला अस्पताल

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