Dengue-Malaria in Moradabad : ज‍िले में डेंगू के चार और मरीज म‍िले, घनी आबादी में कराया दवा का छ‍िड़काव

Dengue-Malaria in Moradabad जिले में डेंगू के चार और एक मलेरिया का मरीज म‍िले हैं। डेंगू के मरीज की पुष्टि होने के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम ने घनी आबादी वाले क्षेत्र के मरीजों के आसपास दवा का छिड़काव किया है।

By Narendra KumarEdited By: Publish:Sat, 25 Sep 2021 06:57 AM (IST) Updated:Sat, 25 Sep 2021 06:57 AM (IST)
Dengue-Malaria in Moradabad : ज‍िले में डेंगू के चार और मरीज म‍िले, घनी आबादी में कराया दवा का छ‍िड़काव
शहरी घनी आबादी में बढ़ रहा संक्रामक रोग।

मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। Dengue-Malaria in Moradabad : जिले में डेंगू, मलेरिया के मरीज लगातार मिलने से खलबली मची हुई है। शुक्रवार को जिले में डेंगू के चार और एक मलेरिया का मरीज म‍िले हैं। डेंगू के मरीज की पुष्टि होने के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम ने घनी आबादी वाले क्षेत्र के मरीजों के आसपास दवा का छिड़काव किया है। इसके साथ ही लोगों को जागरूक भी किया गया है।

डेंगू, मलेरिया को लेकर लाेग गंभीर नहीं हैं। बुखार आने पर गली-मुहल्ले के डाक्टरों में इलाज कराने से हालत खराब हो रही है। जिला अस्पताल में बुखार के मरीजों की पूरी व्यवस्था है। ओपीडी में बुखार डेस्क के साथ एलाइजा टेस्ट डेंगू के मरीजों का किया जा रहा है। इसके साथ घरों में जमा पानी फेंकने के बारे में बताया जा रहा है। शुक्रवार को चक्‍कर की मिलक, दौलतबाग, लाइनपार सूर्यनगर, हरथला में डेंगू का मरीज पुष्ट हुआ है। वहीं मलेरिया का भी एक मरीज मिला है। सीएमओ डा. एमसी गर्ग ने बताया कि व्यवस्थाएं कराई गई हैं। मरीजों को परेशान होने की जरूरत नहीं है। किसी तरह की परेशानी होने पर फौरन 0591-2411224 पर संपर्क करें। जिला अस्पताल की ओपीडी में भी मरीजों के परीक्षण की व्यवस्था की गई है।

कोविड-एल टू में माॅकड्रिल : संक्रामक रोग डेंगू और मलेरिया के मरीज बढ़ने की वजह से स्वास्थ्य विभाग ने कोविड-एलटू अस्पताल का शुक्रवार को माॅकड्रिल कराया। इसमें बच्चों के लिए इलाज की व्यवस्थाएं चेक करने के लिए लखनऊ ज्वाइंट डायरेक्टर डाॅ. सुनील पांडेय मुरादाबाद आए थे। उन्होंने वरिष्ठ चेस्ट फिजिशियन डा. प्रवीण शाह, कोविड एल-टू प्रभारी डा. संजीव बेलवाल, डा. अंशु माली और डा. कुलजीत को मौके पर बुलाया गया। उनसे व्यवस्थाओं की जानकारी करने के साथ ही बेड पर मरीज को लिटाकर व्यवस्थाएं भी चेक की गई। करीब 45 मिनट के माकड्रिल में सभी व्यवस्थाएं चाक चौबंद मिलीं। स्टाक भी भरपूर था। आक्सीजन लाइन भी चेक की गई।

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