Dengue in Moradabad : डेंगू-बुखार से हालात बेकाबू, चिकित्सक ने मरीज से कहा-पहले बेड देख आओ, उसके बाद भर्ती करेंगे
Dengue in Moradabad जिले में बच्चा वार्ड की भी हालत खराब है। दिन ब दिन हालात गंभीर होते जा रहे हैं। लेकिन प्रबंधन का दावा है कि हमारे पास बेड की कमी नहीं है। अस्पताल जाने के बाद आपको हकीकत का अंदाजा हो जाएगा।
मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। Dengue in Moradabad : डेंगू, मलेरिया और टाइफाइड से शहर कराह उठा है। सरकारी और निजी अस्पताल फुल हो चुके हैं। जिला अस्पताल की इमरजेंसी में आने वाले मरीजों को डाक्टर द्वारा कहा जा रहा है कि पहले बेड की व्यवस्था देख आओ और फिर आपको भर्ती कर लेंगे। बच्चा वार्ड की भी यही स्थिति है। दिन ब दिन हालात गंभीर होते जा रहे हैं। लेकिन, प्रबंधन का दावा है कि हमारे पास बेड की कमी नहीं है। अस्पताल जाने के बाद आपको हकीकत का अंदाजा हो जाएगा।
रात 11 : 25 बजे : जिला अस्पताल के इमरजेंसी में डाॅ. पवन कुमार और फार्मासिस्ट डीएस चौहान ड्यूटी पर थे। कक्ष में रात 11: 25 बजे इमरजेंसी कक्ष मरीज और तीमारदारों की चीख पुकार से गूंज रहा था। छह मरीज डेेंगू के थे तो पांच मरीज बुखार के थे। मरीज ने बुखार का बताया तो फौरन डाक्टर बोले पहले बेड देख आओ फिर भर्ती की फाइल बनाएंगे। बुखार के मरीजों के वार्ड पूरी तरह फुल हो चुके हैं। एक-एक बेड पर दो-दो मरीज भर्ती हैं। इलाज की सुविधा पूरी है। लेकिन, बेड के लिए हम कुछ नहीं कह सकते हैं।
सुबह 9 : 10 बजे : वार्ड जिला अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड के बेड नंबर नौ पर तंबाकू वालान के रहने वाले 60 वर्षीय सगीर अहमद डेंगू पाजिटिव भर्ती थे। उन्हें रात में गंभीर हालत होने पर सारी वार्ड में भर्ती किया गया है। सुबह 8:00 बजे उन्हें डेंगू वार्ड में शिफ्ट किया गया लेकिन, वार्ड में जगह फुल होने की वजह से वापस उसी बेड पर लाकर लिटा दिया गया। सारी वार्ड में डेंगू और बुखार के चार मरीज भर्ती थे। दो बुखार के मरीज बाहर स्ट्रेचर पर थे। चिकित्सक ने जगह फुल होने की बात बताई। इसके बाद परिजन उन्हें लेकर निजी अस्पताल चले गए।
शाम 4 : 00 बजे : डेंगू को लेकर शहर को लेकर हालात बहुत खराब होते जा रहे हैं। मेडिकल वार्ड में शाम 4:00 बजे की स्थिति ये थी कि एक-एक बेड पर दो-दो मरीजों को भर्ती किया गया था। इमरजेंसी में तीमारदार से पहले ही कहा जा रहा है कि बेड देख लो। उसके बाद तुम्हारे मरीज को भर्ती करेंगे। मरीज अगर चलने फिरने लायक है तो उसे घर ले जाओ। दवा खिलाते रहना। हालात में सुधार न हो तो फिर यहां लेकर आ जाना। इतना सुनने के बाद मरीज असमंजस की स्थिति में पड़ जाता है। मजबूरी में उसे कहना पड़ रहा है कि एडजस्ट कर लेंगे।
हमारी यहां बेड की कोई कमी नहीं है। डेंगू और बुखार के मरीजों को भर्ती किया जा रहा है। मरीजों की संख्या अगर बढ़ती है तो बच्चा वार्ड में भी मरीजों को भर्ती करेंगे। एक्सटेंशन टू में भी हमारे पास 16 बेड की व्यवस्था है। भर्ती करने से मना करने वाले इमरजेंसी मेडिकल आफिसर से पूछेंगे कि आखिर उन्होंने क्यों मना किया।
डाॅ. शिव सिंह, प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक जिला अस्पताल