Dengue in Moradabad : जिले में लगातार बढ़ रहे डेंगू-मलेरिया के मरीज, आपसी खींचतान में नहीं हो रहा एंटी लार्वा का छिड़काव
Dengue in Moradabad शहर की जिम्मेदारी मलेरिया के नोडल अधिकारी के पास है और गांव-देहात की जिम्मेदारी जिला मलेरिया अधिकारी के पास है। हालात ये हैं कि एंटी लार्वा का छिड़काव कहां कराना है और कहां नहीं कराना है। इसको लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। Dengue in Moradabad : डेंगू, मलेरिया और टाइफाइड के मरीजों की संख्या अधिक है। शहर की जिम्मेदारी मलेरिया के नोडल अधिकारी के पास है और गांव-देहात की जिम्मेदारी जिला मलेरिया अधिकारी के पास है। हालात ये हैं कि एंटी लार्वा का छिड़काव कहां कराना है और कहां नहीं कराना है। इसको लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
जिला मलेरिया अधिकारी कर्मचारी को कहीं भेजते हैं तो नोडल अधिकारी दूसरे स्थान पर भेज देते हैं। कुल मिलाकर इस लड़ाई का खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है। जिले में अब तक डेंगू के 535 मरीज पुष्ट हो चुके हैं। जिला अस्पताल की हालत ये है कि एक बेड पर दो-दो मरीज भर्ती किए हुए हैं। निजी अस्पतालों में भी यही हालात हैं। स्थिति दिन ब दिन गंभीर हो रही है। हालात यही रहे तो मरीजों की संख्या बढ़ेगी और लोगों को दुश्वारी का सामना करना पड़ेगा।
डिलारी के गांव गक्खरपुर में डेंगू के बाद नवाबपुरा में मलेरिया विभाग की टीमों ने कार्य किया है। डीएमओ की कार्य प्रणाली दूसरों पर काम टालने वाली नजर आती है। मेरे स्तर से तो मलेरिया विभाग का पूरा सहयोग किया जा रहा है।
डाॅ. संजीव बेलवाल, मलेरिया नोडल अधिकारी।
जिला मलेरिया अधिकारी का कार्य मेरे पास है। नगर का कार्य नोडल अधिकारी देख रहे हैं। ऐसे में कर्मचारियों की अगर कहीं दूसरी जगह ड्यूटी लगाई जाती है तो शहर में लगा दिया जाता है। कैसे काम किया जाए। कुछ समझ नहीं आ रहा है।
डाॅ. पीएन यादव, जिला मलेरिया अधिकारी।