बेटी ने ली परिवार की जिम्मेदारी, महिला ने पति के खिलाफ मुकदमा लिखाने से किया इन्कार
परिवार वाले पति के खिलाफ मुकदमा लिखाने महिला को कचहरी लाए थे। महिला ने पति को फोन किया तो बच्चों के साथ तुरंत पहुंच गया।
मुरादाबाद। पति से रुठ कर मायके आई गोङ्क्षवदनगर की एक महिला से परिवार वाले पति के खिलाफ मुकदमा लिखाने के लिए कचहरी ले आए थे। लेकिन, उसने मुकदमा लिखाने से मना कर दिया। इतना ही नहीं डायल 112 बुलाकर महिला थाने पहुंच गई। उधर, पति और बच्चे भी महिला थाने पहुंच गए।
थाना कटघर के मुहल्ला गोङ्क्षवदनगर की रहने वाली महिला की शादी 18 साल पहले उत्तराखंड के ग्राम बरेनी निवासी राजेश वर्मा के साथ हुई थी। उनके दो बेटी और एक बेटा भी हैं। पति की मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी। 14 जुलाई को पति ने महिला की पिटाई करके घर से निकाल दिया। 17 जुलाई को बरेनी पुलिस चौकी के माध्यम से महिला को उनका भाई मायके बुला लाया। पहले परिवार वालों के माध्यम से महिला थाने में शिकायत दर्ज कराकर मुकदमा लिखाने की गुहार लगाई। लेकिन, यहां काउंसिङ्क्षलग की बात होने लगी। उप निरीक्षक इंग्लेश कुमार ने दोनों पक्षों को 31 जुलाई को बुलाया। महिला को परिवार वाले कचहरी लेकर पहुंच गए। वहां मुकदमा लिखाने के लिए तैयारी चल रही थी। लेकिन, महिला राजी नहीं थी। उसने वहीं से पति को फोन किया। राजेश अपने तीनों बच्चों के साथ महिला थाने में ही थे। उन्होंने तुरंत डायल 112 ने फोन कर दिया। पुलिस पीडि़ता को महिला थाने ले आई। थानाध्यक्ष महिला थाना ज्योति ङ्क्षसह ने बताया कि दंपती को समझाया तो वह पति के साथ जाने के लिए राजी हो गई। इसके बाद उसने लिखकर भी दे दिया कि उसे पति से शिकायत नहीं करनी है।
बेटी ने संभाल ली पिता की दुकान
पुलिस के मुताबिक महिला के पति की मानसिक स्थिति कमजोर है। वह सराफ की दुकान चलाते हैं। 15 साल की बेटी ने पिता की दुकान को संभाल लिया है। उसी बेटी की मदद से यह परिवार फिर से एक हो गया है। बेटी ने ही परिवार को चलाने की जिम्मेदारी ली है।