रामपुर में कोसी नदी ने शुरू की कटान, कई गांवों के लोगों की बढ़ी धड़कन

danger of flood रामपुर जिले के स्‍वार में कोसी नदी दोबारा से लोगों को डराने लगी है। आसपास के लोग गांवों में पानी घुसने को लेकर काफी चिंतित नजर आ रहे हैं।

By Narendra KumarEdited By: Publish:Sun, 12 Jul 2020 09:27 AM (IST) Updated:Sun, 12 Jul 2020 09:27 AM (IST)
रामपुर में कोसी नदी ने शुरू की कटान, कई गांवों के लोगों की बढ़ी धड़कन
रामपुर में कोसी नदी ने शुरू की कटान, कई गांवों के लोगों की बढ़ी धड़कन

रामपुर। स्वार मे कोसी नदी ने क्षेत्र में कटान शुरू कर दिया है। इससे ग्रामीणों में दहशत है। उप जिलाधिकारी ने मौके का निरीक्षण कर अधीनस्थों को आवश्यक निर्देश जारी किए हैं। इसके साथ ही बाढ़ चौकियों पर तैनात कर्मियों को अलर्ट रहने को भी कहा है।

कोसी नदी किनारे बसे फाजलपुर, जालफनगला, धनौरी, मधुपुरा, बंदरपुरा, मिलक काजी, अंधापुरी, सोनकपुर, रसूलपुर, फरीदपुर, बजावाला, खिदरपुर, पसियापुरा आदि गांवों को हर साल बाढ़ का संकट झेलना पड़ता है। बसपा शासनकाल में पूर्व मंत्री नवाब काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां के प्रयासों से 2011 में लालपुर से मुंशीगंज तक 14 करोड़ की लागत से बांध का निर्माण करवाया गया था। हर साल बांध की मरम्मत कराए जाने के साथ ही यहां पर बेरिकेडिंग व स्पर बनाए जाते हैं। लेकिन, इस बार ऐसा नहीं किया गया है। बांध में जगह-जगह दरारें पडऩे के साथ ही स्पर क्षतिग्रस्त पड़े हैं। शनिवार को जलस्तर घटा तो नदी ने कटान शुरु कर दिया। ऐसे में नदी किनारे पशुओं का चारा भी नष्ट हो गया है। इससे किसान काफी परेशान हैं।

एसडीएम राकेश कुमार गुप्ता ने तहसीलदार रणविजय सिंह एवं राजस्व कर्मियों के साथ पसियापुरा में बांध का निरीक्षण किया। उन्होंने बाढ़ चौकी पर तैनात राजस्व कर्मियों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं। बांध बनने से पहले हर साल कोसी नदी के किनारे बसे लोगों को बाढ़ का सामना करना पड़ता था। इसके बनने के बाद हम लोगों ने राहत महसूस की। मुहम्मद अलीम बांध ने बताया कि के किनारे लोगों ने घूरे डाल रखे हैं। इससे बांध को क्षति पहुंचती है। उसमें दरारें भी पड़ जाती हैं। जबकि लोक निर्माण विभाग लापरवाह बना हुआ है। कोसी नदी के बांध की अधिकारियों को फिक्र नहीं है। कई जगह दरारे पड़ गई हैं। इसकी मरम्मत जल्द करवानी चाहिए। महबूब आलम का कहना है कि कोसी नदी में पानी आने पर हजारों हेक्टेअर फसल नष्ट हो जाती है। जिससे किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ता है। इरफान अली ने बताया कि हर वर्ष कोसी नदी में बाढ़ आने के कारण पशुओं का चारा नष्ट हो जाता है। ऐसे में किसान जान जोखिम में डाल कर नदी पार से चारा लाने को मजबूर हो जाते हैं। 

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