मुरादाबाद में नौकरी से हटाए गए दैनिक वेतन भोगी, एमडीए कार्यालय पर हंगामा
Uproar over MDA office एमडीए कार्यालय से हटाए गए दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों ने जमकर हंगामा काटा। पुलिस और दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के स्वजनों के बीच झड़प हुई। कर्मचारियों ने आरपार की लड़ाई का एलान कर दिया है।
मुरादाबाद, जेएनएन। Uproar over MDA office। एमडीए कार्यालय से हटाए गए 110 दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों ने मंगलवार को जमकर हंगामा काटा। कार्यालय के बाहर बंद गेट को खुलवाकर अंदर घुसे और एमडीए उपाध्यक्ष के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। कर्मचारियों के बच्चे और पत्नियां भी विरोध में शामिल रहे।
कर्मचारी एमडीए कार्यालय के अंदर बैठकर नारेबाजी करते रहे। सूचना पर पुलिस भी पहुंच गई। पुलिस और दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के स्वजनों के बीच झड़प हुई। संयुक्त कर्मचारी मोर्चा ने इस बीच एमडीए सचिव से मुलाकात की लेकिन कोई बात नहीं बनी। काफी देर तक नारेबाजी और हंगामा चलता रहा। सचिव से बेनतीजा वार्ता के बाद संयुक्त कर्मचारी मोर्चा के पदाधिकारियों में संदीप बढोला, सुबहान अली समेत अन्य कर्मचारी बाहर आए और दोबारा धरने पर गए। एमडीए के दैनिक वेतन भोगियों को धरने पर बैठे 15 दिन हो चुके हैं। उन्होंने एमडीए उपाध्यक्ष के खिलाफ सीधे मोर्चा खोल लिया है। इनका आरोप है कि एमडीए उपाध्यक्ष जान-बूझकर वार्ता से बच रहींं हैं। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि रोजी-रोटी का सवाल है, चैन से नहीं बैठेंगे जब तक नौकरी पर वापस नहीं बुलाया जाएगा। उदाहरण देते हुए कहा कि रामपुर में बस्ती उजाड़ने का प्लान भी विरोध के आगे फेल हो गया था। एमडीए के दैनिक वेतन भोगी वर्षों से काम करते आ रहे हैं, उन्हें नियम विरुद्ध तरीके से निकाला गया है। मंडल आयुक्त से मिलकर दैनिक वेतन भोगियों को वापस लेने की मांग की गई है। उन्होंने आश्वासन दिया है। चेतावनी दी कि अगर कर्मचारियों को वापस नहीं लिया गया तो आंदोलन 15 जनवरी के बाद और तेज होगा।