Cyber crime : साइबर ठगी होते ही पुलिस के इस वाट्सएप नंबर पर भेजें सूचना, खाते में फिर से वापस आ जाएगी रकम
Cyber crime मुरादाबाद पुलिस ने साइबर अपराध के खिलाफ जन जागरूकता अभियान छेड़ रखा है। जरा सी सावधानी बरतकर आप ठगी से बच सकते हैं और ठगों पर कार्रवाई भी करा सकते हैं।
मुरादाबाद, जेएनएन। साइबर ठगी का शिकार होते ही सूचना तत्काल यदि पुलिस के वाट्सएप नंबर पर साझा की गई, तो संभव है कि गंवाई गई रकम दोबारा आपके खाते में लौट आए। जरूरत सावधानी, सतर्कता व तत्परता की है। एकाग्रता के साथ सूचनाओं का समयबद्ध संप्रेषण साइबर जालसाजों के मंसूबे पर पानी फेर देगा।
यह बातें मुरादाबाद साइबर क्राइम टीम के कोआर्डिनेटर व साइबर विशेषज्ञ विजय श्रीवास्तव ने ठाकुरद्वारा व भोजपुर थाना क्षेत्र में आयोजित चौपाल में जनता के बीच कहीं। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रभाकर चौधरी के निर्देश पर आम लोगों के बीच पहुंची साइबर टीम ने साइबर ठगी से लोगों को सावधान किया। बताया कि बैंक या कोई भी वित्तीय संस्थान फोन पर कोई जानकारी नहीं मांगता। इनाम जीतो प्रतियोगिता, सस्ते लोन, बोनस, मोबाइल टावर लगाने के नाम पर फेक फोन कॉल करके जालसाज लोगों को फंसाते हैं। एटीएम के अंदर सिर्फ एक व्यक्ति के प्रवेश पर बल देते हुए उन्होेंने कहा कि पासवर्ड जटिल बनाएं। लिखने की बजाय पासवर्ड याद करें। नियमित अंतराल पर पासवर्ड बदलें। ऑनलाइन खरीदारी के वक्त वेबसाइट की विश्वसनीयता परखें। अनचाहे मेल, अटैचमेंट, लिंक आदि से सावधान रहें। फेसबुक पर अंजान लोगों से मित्रता ना करें। महिलाओं व लड़कियों का फेक फेसबुक प्रोफाइल बनाकर ब्लैकमेल करने वालों की सूचना पुलिस को दें।
गूगल पर कस्टमर केयर नम्बर सर्च करने पर खाली हो सकता है खाता
गूगल पर कस्टमर केयर के नाम पर एडिट करके जालसाजों ने अपना नंबर डाला है। सर्च करने पर स्क्रीन पर पहले दिखाई देता है। मदद के लिए काल करने पर जालसाज क्विक सपोर्ट, ऐनी डेस्क जैसे रिमोट एक्सेस ऐप डाऊनलोड कराकर मोबाइल फोन को कंट्रोल कर लेते हैं। इसके बाद वह खाता खाली कर सकते हैं। इसलिए किसी भी व्यक्ति के कहने पर रिमोट एक्सेस ऐप डाऊनलोड न करें।
ऑनलाइन खरीदारी में बरतें सावधानी
आनलाइन मार्केटिंग प्लेटफार्म के जरिये सामान खरीदने या बेचने में सावधानी बरतें। वेबसाइट के प्रत्येक विजिटर पर साइबर जालसाजों की नजर है। जैसे ही कोई सामान बेचने के लिए वेबसाइट पर डालते हैं, जालसाज ग्राहक बन कर फोन करते हैं । भरोसा जीतने के लिए दाम को कुछ कम करने की गुजारिश करते हैं और सौदा तय कर लेते हैं । भुगतान में आसानी के लिए लिंक या क्यूआर कोड भेज कर झांसे में आए व्यक्ति को चूना लगा देते हैं।
पुलिस के मोबाइल नंबर पर भेजें ठगी की सूचना
साइबर ठगी का शिकार होते ही सूचना तत्काल पुलिस के मोबाइल फोन नंबर 9454401742 पर वाट्सएप के जरिए भेजें। इसमें वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के नाम का एक अप्लीकेशन के अलावा एडीएम कार्ड का 16 अंक व बैंक पासबुक का नया प्रिंट जरूरी है। अगले दिन तक अप्लीकेशन साइबर सेल में जमा करें।