कोर्ट ने सुनाई आजीवन कारावास की सजा, दोषी ने पहले दुष्कर्म किया फिर घर वालों को बताने के डर से काटी थी मृतका की गर्दन

बहजोई थाना क्षेत्र के एक गांव में 30 जुलाई 2017 को जंगल में घास लेने गई युवती के साथ गांव के ही युवक द्वारा दुष्कर्म कर हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने आरोपी को घर से पकड़ कर जेल भेज दिया था।

By Sant ShuklaEdited By: Publish:Fri, 26 Feb 2021 09:18 PM (IST) Updated:Fri, 26 Feb 2021 09:18 PM (IST)
कोर्ट ने सुनाई आजीवन कारावास की सजा, दोषी ने पहले दुष्कर्म किया फिर घर वालों को बताने के डर से काटी थी मृतका की गर्दन
पुलिस ने आरोपी को घर से पकड़ कर जेल भेज दिया था।

मुरादाबाद, जेएनएन। बहजोई थाना क्षेत्र के एक गांव में 30 जुलाई 2017 को जंगल में घास लेने गई युवती के साथ गांव के ही युवक द्वारा दुष्कर्म कर हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने आरोपी को घर से पकड़ कर जेल भेज दिया था। शुक्रवार को आरोपी को आजीवन कारावास की सजा होने पर पीड़ित परिवार ने खुशी जाहिर की।

 बहजोई थाना क्षेत्र के सिहोरी गांव में 30 जुलाई 2017 को युक्ति खेत में घास लेने गई थी जहां गांव का ही रहने वाला युवक जसवंत पुत्र ओमप्रकाश ने युवती को अकेला देखकर बुरी नीयत से दबोच लिया और दुष्कर्म किया युवती द्वारा घर जाकर परिजनों को बताने की धमकी दी तो आरोपी युवक ने दरांती से युवती की गर्दन काट दी और भाग गया।युवती शाम तक घर नहीं पहुंची तो उसके स्वजन जंगल में तलाश करने पहुंचे जहां युवती खेत में खून से लथपथ पड़ी थी।स्वजन युवती को लेकर सम्भल पहुंचे जहां डॉक्टरों ने मुरादाबाद रेफर कर दिया। युवती की मुरादाबाद ले जाते समय मौत हो गई थी।सूचना मिलने पर बहजोई थाना पुलिस भी मौके पर पहुंच गई और पीड़ित युवती द्वारा बताए गए गांव निवासी जसवंत को पुलिस ने उसके घर से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।शुक्रवार को युवक को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। 

मां बोली मिला इंसाफ, भाई बोला फांसी होनी चाहिए था

 मां ने बताया कि एक लड़का और लड़की थी। जहां लड़की को बड़े लाड़ प्यार से पालन पोषण किया था। गांव के युवक ने मेरी लड़की के साथ गलत किया था, जिसकी सजा उसे मिल गई। मुझे कानून पर पूरा भरोसा था। युक्ति के पिता और भाई ने भी बताया कि गलत काम का गलत नतीजा होता है।  इसे सजा सुनाई गई है वो ठीक लेकिन इसे फांसी की सजा होनी चाहिए थी।

चार बीघा जमीन मिली थी मृतका के पिता को

 युवती के पिता मेहनत मजदूरी करके परिवार का पालन पोषण कर रहे थे।युवती का भाई दिव्यांग होने के चलते मजदूरी नहीं कर सकता था। जिसके चलते परिवार की रोटी रोजी के लिए युवती के पिता पर जिम्मेदारी थी। जमीन नहीं होने के कारण युवती के पिता को सम्भल उप जिलाधिकारी द्वारा 4 बीघा जमीन का पट्टा भी दिया गया है।

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