मुरादाबाद जेल में भ्रष्टाचार की खुली पोल, पूर्व जेलर ने हाईकोर्ट में लगाई गुहार, राज्‍य सरकार को आठ तक देना है जवाब

शिकायती पत्र पर जब शासन स्तर से कोई कार्रवाई नहीं हुई तो दिसंबर 2020 में जेलर ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर दी। तथ्यों और सुबूतों को देखने के बाद हाईकोर्ट ने सरकार से आठ मार्च 2021 तक जवाब मांगा था।

By Narendra KumarEdited By: Publish:Thu, 25 Feb 2021 09:10 AM (IST) Updated:Thu, 25 Feb 2021 09:10 AM (IST)
मुरादाबाद जेल में भ्रष्टाचार की खुली पोल, पूर्व जेलर ने हाईकोर्ट में लगाई गुहार, राज्‍य सरकार को आठ तक देना है जवाब
जेल प्रशासन ने आनन-फानन में जेल अधीक्षक का स्थानांतरण कर दिया।

मुरादाबाद, जेएनएन। जेल में भ्रष्टाचार को लेकर पूर्व में तैनात रहे जेलर ने हाईकोर्ट में जाकर पूर्व में तैनात रहे वरिष्ठ जेल अधीक्षक के खिलाफ गुहार लगाई थी। पूर्व में तैनात रहे जेल अधीक्षक पर जेलर ने गंभीर आरोप लगाते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी थी। इस मामले में हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा था। जिसके बाद जेल प्रशासन ने आनन-फानन में जेल अधीक्षक का स्थानांतरण कर दिया। 

जिला कारागार में तैनात रहे जेलर रिबन सिंह ने अपने ही वरिष्ठ जेल अधीक्षक पर गंभीर आरोप लगाते हुए 28 बिंदुओं की शिकायत लेकर हाईकोर्ट पहुंचे थे। हालांकि, इस मामले की जानकारी जेल अधीक्षक के स्थानांतरण होने के बाद सार्वजनिक हुई है। जिला कारागार में करीब दो साल तक तैनात रहे वरिष्ठ जेल अधीक्षक उमेश सिंह के खिलाफ पूर्व में तैनात रहे जेलर ने भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए हाईकोर्ट में अपील दाखिल की है। हाईकोर्ट ने इस अपील को स्वीकार करते हुए सरकार से आगामी आठ मार्च 2021 तक जवाब मांगा था। जिसके बाद आनन-फानन में शासन ने जेल अधीक्षक का सुल्तानपुर जनपद में स्थानांतरण करके इस मामले को रफादफा कर दिया। जिला कारागार में तैनात रहे जेलर रिबन सिंह का अप्रैल 2020 में कोरोना महामारी को लेकर लापरवाही बरतने में निलंबन कर दिया गया था। निलंबन को जेलर ने गलत बताते हुए तत्कालीन वरिष्ठ जेल अधीक्षक पर गंभीर आरोप लगाते हुए उच्च अधिकारियों से शिकायत की थी। जिसमें उन्होंने कहा कि बैरक आवंटन से लेकर मिलाई और कर्मचारियों की तैनाती में जेल में वसूली की जाती है। इसके बाद जेलर ने वरिष्ठ जेल अधीक्षक पर एक जेलर के साथ मारपीट तक करने के आरोप लगाए हैं। इस शिकायती पत्र पर जब शासन स्तर से कोई कार्रवाई नहीं हुई तो दिसंबर 2020 में जेलर ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर दी। तथ्यों और सुबूतों को देखने के बाद हाईकोर्ट ने सरकार से आठ मार्च 2021 तक जवाब मांगा था। हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद बीते 17 फरवरी को शासन ने वरिष्ठ जेल अधीक्षक का स्थानांतरण सुल्तानपुर जेल में कर दिया। कारागार के अंदर वसूली होने का यह नया मामला नहीं हैं, इससे पहले भी कई अफसरों और कर्मचारियों पर इस तरह के गंभीर आरोप लगे हैं।

भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने के चलते मुझे निलंबित किया गया था। हाईकोर्ट में याचिका दाखिल होने के बाद शासन ने जेल अधीक्षक का स्थानांतरण कर दिया है। भ्रष्टाचार को लेकर मेरी लड़ाई जारी रहेगी।

 रिबन सिंह, जेलर, जेल ट्रेनिंग सेंटर, लखनऊ

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