Coronavirus Effect : लाकडाउन के कारण घर लौटने लगे प्रवासी मजदूर, रोजगार का संकट
चक्कर की मिलक का फरमान पेंटर है। दो महीना पहले ही कोरोना संक्रमण के बीच ईद की खुशियां मनाने के लिए पैसा कमाने दिल्ली गया था। उसकी टीम मेंंतीन साथी और थे। सोचा था कोठियों की पुताई का काम मिलेगा लेकिन काम नहीं मिला।
मुरादाबाद, जेएनएन। चक्कर की मिलक का फरमान पेंटर है। दो महीना पहले ही कोरोना संक्रमण के बीच ईद की खुशियां मनाने के लिए पैसा कमाने दिल्ली गया था। उसकी टीम मेंंतीन साथी और थे। सोचा था कोठियों की पुताई का काम मिलेगा। ईद तक पैसा कमाकर घर लौट आएंगे। सीलमपुर में उन्होंने अपने रिश्तेदार के माध्यम से किराए पर कमरा ले लिया था। लेकिन, एक सप्ताह से काम नहीं मिला, जो कमाया वही खर्च होने लगा। कोरोना के बढ़ते संक्रमण की वजह दिल्ली की हालत खराब होने पर वह अपने साथियों के साथ घर लौट आया।
उत्तराखंड से भी मुरादाबाद का गहरा नाता है। यहां से तमाम मजदूर उधमसिंह नगर की फैक्ट्रियों में काम करने के लिए जाते हैं। सम्भल रोड के जटपुरा गांव का महीपाल सिंह उधम सिंह नगर में काम करने गया था। मधुपुरी गांव के भी कई लोग उसके साथ काम करते थे। वहां भी काम बंद हो रहा है। इसकी वजह से वह घर लौट आए हैं। दिन भर काशीपुर बस अड्डे पर श्रमिकों के आने का सिलसिला जारी रहा। कोरोना के खौफ की वजह से मजदूर बसों से अपने घर लौट आए। दिल्ली में लाकडाउन की घोषणा होने से बाद आनंद विहार बस अड्डे से श्रमिकों आ रहे हैं। सभी के चेहरों पर मायूसी छाई हुई है।